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- India GDP Growth Report; Rich Vs Poor Wealth Inequality | Economic Development
न्यूयाॅर्क13 घंटे पहले
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हमारे लिए गर्व की बात है कि देश की GDP जो 2003 में करीब 51 लाख करोड़ रुपए थी, अब 2023 में 312 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई है। लेकिन, चिंता की बात यह है कि इन 20 सालों में अमीरों की दौलत 16 गुना और गरीबों की महज 1.4% बढ़ी है। यानी, तरक्की के मामले में गरीब वहीं के वहीं हैं।
देश की 80% दौलत सिर्फ 2 लाख परिवारों के पास है। ये बातें अमेरिकी मार्केटिंग एनालिसिस फर्म मर्सेलस इंवेस्टमेंट मैनेजर्स की ताजा रिपोर्ट में सामने आई हैं। एक अन्य रिपोर्ट ‘विनर टेक ऑल इन इंडियाज न्यू इकोनॉमी’ के अनुसार, आर्थिक विकास से आया 80% धन सिर्फ 20 कंपनियों के खाते में जा रहा है। निफ्टी में 10 साल में कुल 116 लाख करोड़ रुपए की पूंजी बनी। इसका 80% सिर्फ 20 कंपनियां ले गईं।
लग्जरी प्रोडक्ट की बिक्री सस्ते उत्पादों के मुकाबले ज्यादा
- 2019 से 2022 के बीच 3 साल की रेवेन्यू ग्रोथ देखें तो लग्जरी उत्पादों की बिक्री सस्ते उत्पादों की तुलना में ज्यादा तेज बढ़ी।
- रेडीमेड कपड़ों में जारा के 18% के मुकाबले, वी मार्ट में 14% की बढ़ोतरी हुई।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर में मारुति सुजुकी के 1% की तुलना में बीएमडब्ल्यू में 5%, दोपहिया में हीरो मोटोकॉर्प के 5% के मुकाबले रॉयल एनफील्ड में 16% तेजी।
छोटे शहरों में बिजनेस से अमीरी
- देश में 5 लाख तक आबादी वाले शहरों में केवल 20 परिवारों के पास पूरे शहर की 80% दौलत है।
- 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में 50 परिवारों के पास 80% धन है।
- पुणे-लखनऊ जैसे टियर-2 शहरों को देखें तो वहां पूरे शहर की 80% दौलत 100 से 300 परिवारों के पास है।
- रिपोर्ट में यह बात भी निकलकर आई है कि छोटे शहरों में ज्यादा कमाई का बड़ा जरिया व्यापार है और बड़े शहरों में मोटा सैलरी पैकेज।
असमानता के मामले में हमसे खराब स्थिति सिर्फ रूस और ब्राजील की है
- भारत में 1% सुपररिच के पास देश की 40.6% दौलत है। रूस (58.6%) व ब्राजील (49.3%) के बाद हम इस सूची में तीसरे नंबर पर आते हैं। सबसे अच्छी स्थिति जापान (17%) की है।
- 2023 में देश की सभी कंपनियों में बीएसई-500 की मार्केट कैप हिस्सेदारी 96% तक पहुंच चुकी है। 2004 में भी यह 92% पर थी।
- क्रेडिट सुईस; 2020 से 2021 के बीच देश में अमीर 6.89 लाख से बढ़कर 7.96 लाख हो गए।