सच्चिदानंद, पटना. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी है. अब पीएचडी रिसर्च स्कॉलर अलग-अलग विभागों में पढ़ा कर कमाई भी कर सकते हैं. सिंडिकेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई. अब पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कालेजों और पीजी विभागों में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर भी क्लास लेंगे. इसके लिए पीएचडी स्कॉलर को यूनिवर्सिटी की ओर से यात्रा भत्ता भी दिया जाएगा. शिक्षकों की कमी को देखते हुए कुलपति प्रो. आरके सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सिंडिकेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिली है. साथ ही कम शिक्षक वाले कॉलेजों में अब राजधानी के प्रमुख कॉलेजों के शिक्षक ऑनलाइन क्लास लेंगे.
बदले में मिलेगा यात्रा भत्ता
पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में सिंडिकेट की बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें कई प्रस्तावों पर मुहर लगी. निर्णय लिया गया कि पीएचडी करते करते हुए स्कॉलर पीपीयू के कॉलेजों में पढ़ा कर अपने कौशल को निखार सकते हैं. इन्हें यात्रा भत्ता के रूप में कुछ आर्थिक मदद भी दी जाएगी. इसके अलावा कई और प्रस्तावों पर भी मुहर लगी है. व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों में व्यवस्था देखने के लिए निरीक्षण टीम भेजने का भी निर्णय हुआ.
यह टीम आगे पढ़ाई जारी रखने को लेकर अपनी रिपोर्ट देंगे. साथ ही विवि के बोर्ड ऑफ स्टडीज के पुर्नगठन का भी निर्णय लिया गया.
युवाओं ने किया स्वागत, कर दी यह मांग
शिक्षकों की कमी को देखते हुए पीएचडी शोधार्थियों द्वारा कक्षा लेने की बात सामने आने से विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थियों में प्रसन्नता दिख रही है. पीपीयू से इंग्लिश से पीएचडी कर रहीं निशा शांडिल्य ने बताया कि 2021-24 बैच में कुल 8000 विद्यार्थियों ने पैट (पीएचडी एडमिशन टेस्ट) दिया था. जिसमें अलग-अलग विषयों में तकरीबन 600 शोधार्थियों का अंतिम रूप से चयन हुआ था. पर आजतक किसी तरह का कोई स्टाइपेंड शोधार्थियों को नहीं दिया गया.
यही कारण है कि कई शोधार्थियों ने दूसरी यूनिवर्सिटी का रुख कर लिया. बताते चलें कि अन्य यूनिवर्सिटी में शोधार्थियों को स्टाइपेंड के साथ अन्य सुविधाएं भी दी जाती है. इससे शोध की क्वालिटी तो बढ़ती ही है, साथ ही शोधार्थियों को आर्थिक संकट से भी नहीं जूझना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED : October 8, 2023, 12:51 IST