धीरज कुमार/किशनगंज: महंगाई के इस दौर में किसान परंपरागत खेती से इतर हटकर अपनी खेत में आय बढ़ाने वाली फसल उपजाने की कोशिश लगातार कर रहे हैं. ऐसे ही किशनगंज के डेंगापार के एक किसान ने इस वर्ष लगभग एक बीघे में मूंगफली की खेती की है. वहीं मूंगफली की खेती से इस वर्ष अधिक मुनाफा कमाने की उम्मीद है. मूंगफली फसल की बुआई मानसून शुरू होने के साथ ही हो शुरू जाती है जो की 60 से 70 दिन के अंदर तैयार हो जाता है. कम मेहनत और कम खर्चे से इस फसल से अच्छे मुनाफे निकलते हैं.
कम मेहनत है ज्यादा मुनाफा
लोकल-18 बिहार से बात करते हुए मूंगफली किसान प्रकाश भगत ने बताया कि वह इस वर्ष लगभग एक बीघे में मूंगफली की खेती किया है. मूंगफली की खेती में मेहनत कम है और खर्च एक बीघे में 20-22 हजार के बीच आता है. जो की 60 से 70 दिन के अंदर तैयार हो जाता है. एक बीघा में 8 से 10 क्विंटल उपज होता है. वहीं रेट की बात करें तो 5 हजार से 7 हजार प्रति क्विंटल मिलता है. यानी 50 हजार से लेकर 70 हजार तक कमाई होती है. प्रकाश इस वर्ष देसी मूंगफली की खेती की है. प्रकाश ने बताया कि मूंगफली की खेती में बुवाई से पहले हम जैविक खाद के साथ-साथ रासायनिक खाद का भी बीघे के हिसाब से इस्तेमाल करते हैं. वहीं इसके अलावा समय-समय पर सिंचाई भी करते हैं. अत्यधिक पानी होने पर फायदा होता है.
60 दिन के अंदर मूंगफली होती है तैयार
वहीं मूंगफली को उस खेत में भी उपजाया जाता है. जिस खेत में धान गेहूं की फसल नहीं हो रही है, उसमें मूंगफली आसानी से हो जाती है. 60 दिन के अंदर इस फसल से किसान को मुनाफे के आसार अत्यधिक रहते हैं. प्रकाश ने बताया की मूंगफली की खेती में सबसे ज्यादा मेहनत इसका रखरखाव है. जंगली जानवर, खरगोश और जंगली सूअर सबसे ज्यादा नुकसान करते हैं. इससे बचाना सबसे ज्यादा चैलेंज है. वहीं अन्य फसलों की तुलना में मूंगफली में बहुत कम मेहनत है. बुवाई के बाद समय पर सिंचाई और खरपतवार निकाल दीजिए और 60 दिन के अंदर मूंगफली तैयार होती है.वहीं अन्य फसलों की तुलना में सबसे कम मेहनत इसमें लगता है. जुताई बुवाई के बाद समय पर सिंचाई वहीं इसके लिए दोमट मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 2, 2023, 07:18 IST