रजत भट्ट/गोरखपुर. शहर में कई ऐसी जगह और इमारतें मौजूद है जो आज भी पुरानी सभ्यता और संस्कृति की पहचान है. साथ ही उनमे एक पुरानी झलक भी दिखती है. शहर में मौजूद कई ऐसे मंदिर और कई ऐसे जगह लोगों के घूमने के लिए हैं जो काफी पुराने हैं व उनका इतिहास भी गहरा है.
शहर के घंटाघर में मौजूद यह इमारत और गालियां बेहद खास है जो करीब ढाई सौ साल पुरानी है. चौधरी खानदान की यह इमारतें और गलियां ऐसी है कि आज भी शहर के लोग इसे बेहद खास मानते हैं. खानदानी परंपरा के अनुसार आज भी इस इमारत में परिवार के लोग बेहद खास तौर तरीकों से रहते हैं. शहर में मौजूद ढाई सौ साल पुरानी यह इमारत और गालियां बेहद खास है. यहां पर रहने वाले लोग भी पूरे परंपरागत तौर तरीकों से रहते हैं.
9वीं पुस्त निभा रही परंपरा
चौधरी प्रमोद कुमार बताते हैं कि, इस इमारत में उनकी यह 9वीं पीढ़ी है जो इस परंपरा को निभा रही है. यह गली और इमारत चौधरी खानदान की परंपरा और पहचान है. वहीं यह इमारत लगभग सन् 1880 में बनाई गई लेकिन इसका कुछ पुराना हिस्सा सन् 1700 के आसपास का जो आज भी मौजूद है और उसी तरह खड़ा है. प्रमोद बताते हैं कि शहर के आसपास का इलाका हेरिटेज बनेगा तो यह विरासत भी उसमें शामिल होगी.
क्या है इमारतों की खासियत
इमारत के अंदर मौजूद आज भी कई साल पुरानी तलवार, डाइनिंग टेबल, कुर्सियां और दरवाजे मौजूद हैं जो ऐतिहासिक होने की गवाही करते हैं. साथ ही इमारत में 8 इंच की दीवाल मौजूद है. वहीं डाइनिंग टेबल और दरवाजे पुराने लड़कियों के स्ट्रक्चर के अनुसार बने हुए हैं. खास बात यह भी है कि इमारत की गलियों में आने पर पक्के रास्ते नहीं वही ईट वाले खड़ंजे रास्ते हैं जो इमारत के साथ ही विरासत को बयां करते हैं. शहर में आज भी लोग इसे चौधरी गली के नाम से जानते हैं और यहां की इमारतों को देखने जरूर आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 22, 2023, 14:48 IST