मोहन ढाकले/बुरहानपुर. जिले की महिलाओं द्वारा केले के रेशे से सेनेटरी पैड बनाने का कार्य किया जा रहा है. आजीविका मिशन की ओर से 85 महिलाओं को पहले प्रशिक्षण दिया गया. अब महिलाएं सेनेटरी पैड तैयार कर रहे हैं.इन सैनिटरी पैड की बुरहानपुर जिले के साथ मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी डिमांड है.केले के रेशे से बनने वाला इस सेनेटरी पैड का एक बॉक्स 365 रुपए का है. जिसमें 6 पैड है. इसे 4 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है.
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए केले के रेशे से पैड का निर्माण किया जा रहा है. इस पैड को आसानी से डीकंपोज किया जा सकता है. अन्य पैड से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है इसलिए केले के रेशे से पैड बनाए जा रहे हैं.
जिले में आसानी से मिलते है केले के रेशे
जिले में सबसे ज्यादा केले की खेती होती है. एक जिला एक उत्पाद के तहत केले को भी चिन्हित किया गया है. जिसको लेकर अब इस केले के रेशे से सैनिटरी पैड का निर्माण काम शुरू कराया गया है.
85 महिलाओं को मिल रहा रोजगार
केले के रेशे से सेनेटरी पैड बनाने वाली महिलाओं को ₹200 रोज का रोजगार मिल रहा है. पहले महिलाएं किसी प्रकार से कोई काम नहीं कर पाती थी. केवल ग्रहणी थी लेकिन जब समूह की महिलाओं से जुड़ी तो आज उन्हें रोजगार मिल रहा है.
पायलट प्रोजेक्ट होगा लागू
आजीविका मिशन की संतमती सलखो से बात की तो उन्होंने बताया कि कलेक्टर भव्या मित्तल और जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख के नेतृत्व में केले के रेशे से सेनेटरी पैड बनाने के लिए 10 समूह की महिलाओं को केरल से पहले प्रशिक्षण दिलाया गया था. जिले में 85 महिलाएं सेनेटरी पैड बना रही है.
मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में डिमांड
यहां पर बनने वाले केले के रेशे से पैड की डिमांड मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी है . खंडवा बड़वानी और झाबुआ में भी यहां के सेनेटरी पैड की डिमांड है. बुरहानपुर का पायलट प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में भी लागू होगा. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केले के रेशे से पैड बनाने के लिए बुरहानपुर को चिन्हित किया था क्योंकि यहां पर केले की सबसे अधिक खेती होने से आसानी से केले का रेशा उपलब्ध होता है.
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FIRST PUBLISHED : September 22, 2023, 14:29 IST