विधेयक पर अभिनेता से सपा नेत्री बनीं ने कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करती है लेकिन मांग की कि इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के बीच गुरुवार को महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान संसद के उच्च सदन में हल्की-फुल्की बातचीत हुई। बच्चन ने नवनिर्मित संसद परिसर का जिक्र करते हुए मजाक में कहा कि सर आपकी कुर्सी बहुत बढ़िया है…ये सात सितारा होटल में कोई अच्छी चीज़ है तो ये कुर्सी बहुत बढ़िया है। उनकी टिप्पणी के बाद आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान पार्टी लाइनों से परे कई महिला सांसदों ने राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा आपकी कुर्सी मजेदार है, वहां बैठों तो वह झुले की तरह होता रहता है।
बच्चन ने इस अवसर को एक महान मिसाल बताया और इसे जारी रखने को कहा। “…यह दिखावटी नहीं होना चाहिए, अन्यथा इस सदन की महिलाएं आपको प्लास्टिक सर्जन करार देंगी,” उन्होंने कहा, जिस पर धनखड़ ने मजाक में कहा, “…मैं आपकी मारक क्षमता को जानता हूं।” विधेयक पर अभिनेता से सपा नेत्री बनीं ने कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करती है लेकिन मांग की कि इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने बिल के जल्द से जल्द लागू होने की अटकलों के बीच इसके उचित कार्यान्वयन का भी आह्वान किया, क्योंकि यह जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया पर निर्भर करता है।
लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर उच्च सदन में हुई चर्चा में भाग लेते हुए सपा सदस्य जया बच्चन ने कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ नहीं है लेकिन उसकी कुछ शर्तें हैं। उन्होंने कहा कि ये वहीं शर्तें हैं, जिनका जिक्र अन्य दल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था हो और 15-20 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महिलाओं खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित हों। उन्होंने कहा कि 2010 में जब राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक आया था तो सुषमा स्वराज, बृंदा कारत जैसे नेताओं का लंबा भाषण हुआ।
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