शशिकांत ओझा/पलामू. हरतालिका तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है. सुहागिन महिलाएं एक साल भर त्योहार का इंतजार करती हैं. इस दिन महिलाएं खास तौर पर व्रत रखकर पूजा अर्चना करती हैं. वहीं इस दिन उपवास रखकर 16 श्रृंगार कर अपने सुहाग की रक्षा के लिए भगवान शंकर और माता पार्वती से कामना मांगती हैं. वहीं महिलाएं पूजा के बाद ब्राह्मणों को श्रृंगार के समान दान में देती हैं, जो काफी पुरानी परंपरा है और इसका के विशेष महत्व भी हैं.
काली मंदिर के पुजारी श्यामा बाबा ने लोकल18 को बताया कि यह त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लंबी उम्र के लिए भगवान शंकर-पार्वती की पूजा करती हैं. इसमें दान देने की भी परंपरा है. सुहागिन महिलाएं अपने श्रृंगार का दान करती हैं. जिससे उनका श्रृंगार सुरक्षित रह सके. उन्होंने राम चरित मानस के श्लोक के माध्यम से दान करने के महत्व को बताया गया है.
ये है महत्व
उन्होंने श्लोक के बारे कहा कि मनुष्य को प्रतिदिन पूजा पाठ करना चाहिए, वेद पुराण पढ़ना चाहिए, दान के साथ तीर्थ यात्रा करना चाहिए. ऐसा करने से सारे दुख-पाप मिट जाते हैं. अनंत सुख की प्राप्ति होती है. वहीं सुंदर से सुंदर बनने का आशीर्वाद मिलता है.
40 रुपए में श्रृंगार का सामान
डाल्टनगंज के शहर बाजार में श्रृंगार स्टोर और पूजा दुकानों में डाली में सजाकर श्रृंगार के सभी समान दिए जा रहे हैं. रूप रंग दुकान के संचालक बताते हैं कि उनके पास 40 रुपए में श्रृंगार के सारे सामान को एक डाली में सजाकर दिए जा रहे हैं. जिसमें चूड़ी, सिंदूर, ब्लाउज पीस, अलता, नेल पॉलिश,आइना समेत अन्य श्रृंगार के समान शामिल हैं.
इतनी है वैरायटी
इसके अलावा कोई अलग से दान के लिए श्रृंगार के समान खरीदता है तो सारे तरह के समान दुकान में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि पहले 1000 से अधिक डाली की डिमांड होती थी. लेकिन अब बाजार में दुकान बढ़ जाने से 300 से 400 डाली में श्रृंगार के समान की बिक्री हो पाती है. यह दुकान डाल्टनगंज शहर के पंजाब नेशनल बैंक से पहले स्थित है.
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FIRST PUBLISHED : September 15, 2023, 10:33 IST