मो.महमूद आलम/नालंदा: आज से नहीं सदियों से फायदा वाला व्यवसाय है. इसको सही तरीके से करने पर लाखों का मुनाफा होता है. इसको पहचाना नालंदा के दीपक कुमार सिंह ने.बेटे को अधिकारी बनाने की चाह में हरियाणा गए इस स्वास्थ कर्मी की इस मुलाकात ने सोच बदल दी. साहिवाल नस्ल के गाय पालकों से मुलाक़ात और सुझाव लेकर 4 वर्ष पूर्व पशुपालन व्यवसाय से जुड़े. आज नौकरी के साथ गौ पालन कर नालंदा के दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा श्रोत बन गए हैं. यह नालंदा के अस्थावां प्रखंड अंतर्गत मालती गांव निवासी स्व. गुरुसहाय महतो के पुत्र दीपक कुमार सिंह हैं. ज़िले के करायपरसुराय प्रखंड क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में डाटा ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं.
₹92000 खर्च कर हरियाणा से बिहार लाए गाय
साल 2018 में हरियाणा के करनाल सैनिक स्कूल में बच्चे के एडमिशन के लिए गए थे. तभी जिस जगह वे होटल में ठहरे थे तो उस जगह पंजाब के कुछ किसान पालक से मुलाकात हुई. तो उन्होंने साहिवाल नस्ल के गाय को पालने और उसके फ़ायदे बताए तो इन्होंने वापस लौटते वक्त एक साहिवाल नस्ल का गाय ₹76000 में खरीदा. जिसे बिहार लाने में ₹92000 खर्च आया. उसके बाद उन्होंने एक गाय से एक दर्जन गाय कर लिया जिसमें कुछ बेच चुके हैं, जबकि 5 गाय अभी भी रखे हुए हैं. जिसकी ड्यूटी के बाद सेवा में लगे रहते हैं.
रोजाना 50 लीटर दूध का होता है उत्पादन
एक गाय से हर रोज़ 8 से 10 लीटर प्रति दिन दूध निकलता है. जिसे गांव में ही बेच देते हैं. यह 50 रुपया लीटर के हिसाब से दूध बेचते हैं. रोजाना 50 लीटर दूध की बिक्री से 2500 का इनकम होता है. महीने में यह 75000 का इनकम होता है. जिसमें खर्च काट कर 40 हज़ार से ज़्यादा की बचत होती है.
इनके पास मौजूद गायों का नामकरण भी किया हुआ है. वह शौक से गाय पालते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में गौ पालन के साथ सेवा के बहुत फ़ायदे हैं. इस गाय को खाने में धान का भूसा के साथ मकई, मसूरी और गेंहू का गट्ठा के साथ मीठा (रावा) एवं मौसम के हिसाब से खल्ली मिलाकर खिलाया जाता है. जिसके सेवा में 4 पंखा भी लगाया गया है. मौसम के हिसाब से अपने साथ गौ माता को भी दो वक्त नहाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 14, 2023, 08:17 IST