नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन से कुंडली के यह दोष हो जाते हैं शांत, जानिए पूजा की विधि

शुभम मरमट/उज्जैन :विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दर्शन करने देश विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं. यहां कण-कण में शिव विराजमान है.पिपलीनाका क्षेत्र में नगर निगम जोन में एक ऐसा ही चमत्कारी और दिव्य शिव मंदिर है.यह 84 महादेव में 54वां स्थान रखते हैं.मंदिर के गर्भगृह में माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की अष्टधातु की प्रतिमाएं विराजित हैं.साथ ही द्वार पर आकर्षक नंदी की प्रतिमा भी है. मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है

इस दोष से मिलती है मुक्ति
मंदिर के पुजारी वेदाचार्य पंडित व्यास ने बताया कि मंदिर में विराजित श्री नीलकंठेश्वर महादेव का पूजन अर्चन करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो जाती है और जन्मपत्रिका के विष योग में भी शांति होती है.इनके दर्शन करने मात्र से ही मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.मंदिर में प्रदोष एवं सोमवार को पूजन करने का विशेष महत्व है.वैसे तो वर्षभर श्री नीलकंठेश्वर का पूजन अर्चन करने के साथ ही मंदिर में हर त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन श्री नीलकंठेश्वर के प्रिय मास श्रावण में प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में 11 ब्राह्मण भगवान नीलकंठेश्वर का अभिषेक पूजन कर रुद्राभिषेक करते हैं.मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त में होने वाले इस रुद्राभिषेक के साथ ही ढोल नगाड़ों से होने वाली दिव्य आरती में बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल होते हैं.

12 वर्षों तक किया गया था अखंड रामायण पाठ
पंडित जी व्यास द्वारा बताया कि श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर वर्ष 2004 से वर्ष 2016 तक अखंड रामायण पाठ का आयोजन हुआ था. 12 वर्षों तक चले अखंड रामायण पाठ के बाद मंदिर में प्रत्येक माह की 9 तारीख को अखंड रामायण पाठ किया जाता है.

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FIRST PUBLISHED : September 13, 2023, 16:23 IST

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