गरीब परिवार में जन्‍मे, 10 की उम्र में मां-बाप को खोया, अब बने डिप्टी कलेक्टर

Success Story CGPSC: किसी ने सच ही कहा है कि, जैसे सोना आग में तपकर कुंदन बनता है, वैसे ही मनुष्य भी संघर्ष की भट्टी में तपकर ही सफलता प्राप्त करता है. छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव का लड़का, जिसने जीवनभर केवल कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी और मेहनत करता रहा. अब जाकर उसने लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है.

ये कहानी है आशीष कुमार की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आशीष छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले पोंडी उपरोडा ब्लॉक के बूढ़ापार गांव के रहने वाले हैं. उनका पूरा जीवन संघर्षों में ही बिता है. वह बेहद ही गरीब परिवार में पैदा हुए थे. उनके परिवार को मूलभूत जरूरतें पूरी करने के लिए भी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. वहीं छोटी उम्र में ही आशीष के सिर से माता-पिता दोनों का साया उठ गया था. वह जब 10 साल के थे, तभी उनके मां-बाप का देहांत हो गया था.

चाचा ने पाला
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मां-बाप के गुजर जाने के बाद आशीष की परवरिश उनके चाचा ने की. उन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल से प्राथमिक पढ़ाई की है. वहीं हाईस्कूल की पढ़ाई दूर के गांव के स्कूल से पूरी की. इसके बाद उन्होंने बिलासपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन किया.

सिविल सर्विसेज की तैयारी
आशीष हमेशा से पढ़ाई में तेज थे. सिविल सर्वेसेज में जाना उनका लक्ष्य था. इसी वजह से उन्होंने ग्रेजुएशन के दिनों से ही सीजीपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. अपनी काबिलियत से उन्होंने पहले ही प्रयास में परीक्षा क्लियर भी कर ली थी और जिला सेनानी का पद हासिल किया था. लेकिन वह इससे भी संतुष्ट नहीं थे और दोबारा प्रयास किया. इस बार वह डिप्टी कलेक्टर बने और अपना लक्ष्य हासिल किया. आशीष की कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में कठिनाइयां तो आएंगी हीं, लेकिन उनका डटकर सामना करें और संघर्ष करना ना छोड़ें, तो अपना लक्ष्य जरूर हासिल करेंगे.

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