सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. कृष्ण जन्माष्टमी के बाद अब सनातन धर्म को मानने वाले राधा अष्टमी की तैयारी कर रहे हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद आता है. मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने वालों को राधा अष्टमी की पूजा जरूर करनी चाहिए, इससे उनका व्रत पूरा होता है और पूर्ण फल मिलता है.
राधा अष्टमी पर विधि विधान पूर्वक राधा-कृष्ण की पूजा आराधना की जाती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इस दिन पूजा आराधना करने से धन की कभी भी नहीं रहती है. राधा रानी श्रीकृष्ण की प्रियसी थी, इन्हें देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. ऐसे में राधा अष्टमी के दिन राधा रानी की पूजा से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है.
जानिए शुभ मुहूर्त
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक राधा अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 सितंबर दोपहर 1:35 से शुरू होकर 23 सितंबर दोपहर 12:17 तक रहेगी, जिसमें पूजा पाठ करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11:01 से दोपहर 1:26 तक रहेगा. इस साल राधा अष्टमी का पर्व 23 सितंबर को मनाया जाएगा.
जानिए धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत को करने से जितना फल मिलता है, उतना ही फल राधा अष्टमी का व्रत करने से मिलता है. राधा अष्टमी के दिन विधि विधान पूर्वक कृष्ण और राधा की पूजा आराधना की जाती है. इस दिन सच्चे मन से पूजा आराधना करने से घर में सुख-शांति और धन की वृद्धि होती है.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : September 09, 2023, 20:14 IST