उन्होंने बताया कि शिशु को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। IPC की धारा 317 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है।
नवजात शिशु को अस्पताल लाने वाले रामकिशन चौधरी ने बताया कि सड़क किनारे खून से लथपथ कपड़े की पोटली से बच्चे की रोने की आवाज आ रही थी। उसने ग्रामीणों और पुलिस को सूचना देने के बाद रास्ते में जा रही एक कार को रोका और शिशु को अस्पताल पहुंचाया।
पूर्व सरपंच रमेश भाटे ने बताया कि मौका देखकर ऐसा लग रहा है कि सड़क पर ही प्रसव हुआ है और कपड़े में लपेटकर बच्चे को यहीं फेक कर चले गये।
भीकन गांव के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि बच्चे का शरीर काफी ठंडा था। शरीर पर खरोंच के निशान भी हैं। उसका ऑक्सीजन व शुगर लेवल भी कम था। उसे वार्मर पर रखकर प्राथमिक इलाज किया गया। शुगर लेवल नॉर्मल होने के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जिला अस्पताल के डॉक्टर उज्जवल पाटीदार ने बताया कि नवजात शिशु का वजन 1200 ग्राम है। वह गंभीर हालत में है।
इस बीच नवजात मिलने की जानकारी लगते ही इसे गोद लेने वाले भी आगे आ रहे हैं। क्षेत्र के करीब 10 दंपतियों ने बच्चों को गोद लेने की इच्छा जाहिर की है।