यहां श्री कृष्ण के तीनों विग्रह हैं मौजूद, जन्माष्टमी में उमड़ा भक्तों का सैलाब

अभिलाष मिश्रा/इंदौर: आज, इंदौर के प्राचीन बांके बिहारी मंदिर में, जन्माष्टमी के पवित्र दिन पर भगवान कृष्ण के तीन विग्रहों के साथ एक साथ दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जमा है. यहां राजवाड़ा में स्थित बांके बिहारी मंदिर एकमात्र ऐसा स्थल है जहां भगवान बांके बिहारी के तीन विग्रह एक साथ आत्मा को भ्रमरित करते हैं, जिसमें भगवान कृष्ण अपनी मधुर बांसुरी की मधुर ध्वनि के साथ विराजमान हैं.

तीन विग्रहों के दर्शन साथ करने पहुंचे श्रद्धालु
मंदिर में भगवान कृष्ण की बांसुरी वाली तीन श्याम वर्णी कसौटी के पत्थर की मूर्तियां स्थापित हैं. इसके अलावा, पालने में बांके बिहारी और दत्तात्रेय की छोटी मूर्तियां भी विराजमान हैं. यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है और इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. कल से ही इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ आना शुरू हो गई है.

मथुरा के तर्ज़ पर मनाई जाती है जन्माष्टमी-
इस मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन मथुरा के मंदिरों के आदरणीय परंपराओं के साथ किया जाता है, और इसी कारण से आज मंदिर में भक्तजनों की भारी भीड़ उमड़ गई है. यहां, भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण के तीन विग्रहों के साथ दर्शन किए, और साथ ही साथ ही पालने में बैठे लड्डू गोपाल के भी दर्शन किए हैं. जब सभी भक्त दर्शन के बाद राधे-गोविंद, राधे-राधे, बोल बांके बिहारी लाल की जय, बरसाने वाली की जय के जयकारे लगाते हैं, तो मंदिर की माहौल में एक अद्वितीय भावना उत्पन्न होती है. इसलिए इंदौर के बांके बिहारी मंदिर में भगवान बांके बिहारी के दर्शन के लिए कृष्ण भक्तों का तांता लगता है.

ये है ऐतिहासिक कहानी
राजवाड़ा में स्थित बांके बिहारी मंदिर का निर्माण पहले सूबेदार मल्हारराव होलकर की पत्नी हरकुबाई साहेब ने करवाया था. इस मंदिर में स्थापित भगवान श्रीकृष्ण का विग्रह वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के विग्रह से मिलता-जुलता है. इसी कारण मल्हारराव होलकर ने इस मंदिर का नाम ही ‘बांके बिहारी मंदिर’ रखा, और तब से ही यह मंदिर इसी नाम से प्रसिद्ध है. यहां से मध्य प्रदेश के बाहर से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं. सागर से आए भक्तों ने बताया कि हम विशेष रूप से भगवान बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए इंदौर आए हैं. मंदिर के परिसर से बताया गया है कि मंदिर में स्थित सभी विग्रह वृंदावन के पत्थरों से बनाए गए हैं, जिन पर कभी श्री कृष्ण के चरण पड़े थे.

Tags: Indore news, Latest hindi news, Local18, Madhyapradesh news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *