G20 में भारत के समावेशिता पर ध्यान देने से उसे अन्य देशों का सम्मान अर्जित करने में मदद मिली: Deloitte

वह था ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन का आयोजन करना था, जिसमें अफ्रीका की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही। हमारा मानना है कि ग्रह के भविष्य के लिए कोई भी योजना सभी की आवाजों के प्रतिनिधित्व और मान्यता के बिना सफल नहीं हो सकती।

नयी दिल्ली। डेलॉयट (दक्षिण एशिया) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोमल शेट्टी ने कहा कि जी20 की अध्यक्षता के दौरान समावेशिता, डिजिटल बुनियादी ढांचे और समूह के दायरे में अफ्रीकी संघ को लाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करके भारत को अन्य देशों से सम्मान अर्जित करने में मदद मिली।
रोमल शेट्टी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में कहा कि कई शहरों में जी20 बैठकें आयोजित करने के भारत सरकार के निर्णय से बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के अलावा व्यापार, पर्यटन के क्षेत्र में भी मदद मिली है।

अफ्रीकी संघ को जी20 में लाने के प्रस्ताव के संबंध में उन्होंने कहा कि अफ्रीका एक अरब लोगों का महाद्वीप है। जी20 में उसके शामिल होने से एशिया तथा बाकी दुनिया के साथ व्यापार के अवसर बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत ने समावेशिता पर बहुत ध्यान केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) कहते हैं कि किसी को भी पीछे नहीं रहना चाहिए। हर आवाज को सुना जाना चाहिए। भारत ने जो काम किया है उनमें से एक अफ्रीका को जी20 में लाना या अफ्रीका को लाने का प्रयास करना है।’’

शेट्टी ने कहा, ‘‘ इसे व्यापार के नजरिए से भी देखें। मेरा विचार है कि यदि आप अफ्रीका को देखते हैं, जो एक अरब लोगों का महाद्वीप है। यदि आप दक्षिण एशिया को देखते हैं, जो दो अरब लोगों का महाद्वीप है। आप वास्तव में लोगों को एक साथ ला रहे हैं। आप तीन अरब लोगों के साथ व्यापार कर सकते हैं। आज व्यापार का स्तर काफी कम है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले सप्ताह ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘ जी20 में अफ्रीका हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। जी20 की अध्यक्षता के दौरान हमने जो पहला काम किया, वह था ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन का आयोजन करना था, जिसमें अफ्रीका की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही। हमारा मानना है कि ग्रह के भविष्य के लिए कोई भी योजना सभी की आवाजों के प्रतिनिधित्व और मान्यता के बिना सफल नहीं हो सकती।’’

शेट्टी ने साथ ही कहा कि भारत ने जलवायु परिवर्तन, व्यापार प्रवाह, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे सहित अन्य मुद्दों को उठाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम स्पष्ट रूप से भारत को ढांचगत निर्माण में कुछ भूमिका निभाते हुए देखते हैं… यह एक देश के बारे में नहीं है, यह इस बात को समझने को लेकर है कि सभी क्या चाहते हैं। इस लिहाज से भारत जी20 में अच्छी स्थिति में है और उसने अन्य देशों का सम्मान अर्जित किया है।’’
डेलॉयट ने भारत की जी20 की अध्यक्षता के तहत विभिन्न कार्यबलों के साथ काम किया है। इनमें लचीले वैश्विक व्यापार तथा निवेश के लिए समावेशी वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी); ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और संसाधन दक्षता शामिल हैं।

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