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स्कूल के कक्ष बन जाने के बाद भी परेशानियां खत्म नहीं हुई थी. गांव में असामाजिक तत्व परेशान करते थे. इसके बाद जब स्कूल की दीवारों पर पाठ्यक्रम और संदेश देने वाले चित्रों उकेरे तब से राहत है. बच्चों को संस्कृत के श्लोक, नर्मदा अष्टक, प्रदेश के संभागों के नाम, जिलों की जानकारी कंठस्थ हो गई है.