भोपाल. बीजेपी की वरिष्ठ नेता बीजेपी से आहत भी हैं और नाराज भी. कुछ हैरान भी हैं और परेशान भी. वजह है उपेक्षा. बीजेपी की 5 जन आशीर्वाद यात्राएं प्रदेश के 5 अलग अलग इलाकों से निकल रही हैं. लेकिन किसी में भी उमा भारती को नहीं बुलाया गया है. उमा कहती हैं मैं हैरान हूं और अगर वो बुलाएंगे तब भी नहीं जाऊंगी. लेकिन हां अगर चुनाव प्रचार के लिए शिवराज ने कहा तो मैं पार्टी का काम जरूर करूंगी.
चुनाव का मौसम है लेकिन उमा भारती कहीं भी न तो चर्चा में हैं न ही किसी मंच पर दिखाई दे रही हैं. यहां तक कि जन आशीर्वाद यात्रा में भी उन्हें नहीं बुलाया गया है. शराबबंदी का मुद्दा जो उमा ज़ोर शोर से उठा रही थीं वो भी अब चुनावी शोर में कहीं खो सा गया है.
हैरान हूं मैं…
जनआशीर्वाद यात्रा में भी उमा के न दिखने पर वो कहती हैं कि मैं आश्चर्यचकित हूँ. क्योंकि प्रदेश औऱ केन्द्र के सभी नेता मेरे घर आते हैं. मेरा सम्मान करते हैं. दीदी दीदी करते हैं यानि दिदियाते हैं. अचानक उनकी याददाश्त कैसे गुम हो गई कि ऐसी ही न्यौता दे देते कि दीदी आ जाना. अगर ये लगता है कि मेरे आने से डायस प्लान बिगड़ सकता है उनका तो कह देते कि दीदी हम निमंत्रण दे रहे हैं मगर आना मत. मैं पार्टी के हित में उसके लिये भी तैयार हो जाती. कम से कम ये तो रहता कि सबको साथ लेकर चले हो. अब दीदी की नाराज़गी कैसे दूर होगी. उमा बोलीं नाराज़गी नहीं, आश्चर्य है कि ऐसा कैसे हो गया तो मैंने ट्रीटमेंट कर दिया है. इतने में इलाज हो गया.
कांग्रेस फिर भी एक
उमा भारती बीजेपी की तुलना कांग्रेस से करती हैं. वो कहती हैं जो हालात थे कि काँग्रेस में कोई बचा नहीं फिर भी काँग्रेस इतनी ताकतवर हो गई. लोग कहने लगे वो सरकार बनाने की स्थिति में आ सकते हैं. मैं तभी चिंतित हो गई कि ऐसा कैसे अवमूल्यन हो गया अचानक लोगों की नज़र में. फिर इस बीच में शिवराजजी, वीडी शर्मा, और अमित शाह ने खूब मेहनत की और हम यहां तक ले आये. अब यहाँ ले आये तो ऐसी गलती करोगे, जिससे वोट मंगवाने हैं उससे जब ज़रूरत पड़ेगी तो फ़्रिज में से निकालकर ले आओगे औऱ फिर उसे डीप फ़्रीज़र में बंद कर दोगे. मैं ऐसी नहीं हूँ. राजनीति में उपभोक्तावाद आने लगा है जिसका उपयोग है उसे याद करो और जिसका उपयोग नहीं उसे डीप फ़्रीज़र में डाल दो. ये नहीं चलने वाला है. आपको सबको जीवंत बनाकर रखना होगा, ताकि आप जीवंत बने रहें. आप नहीं बनाओगे तो मैं अपने आपको जींवंत बनाऊंगी. क्योंकि असली लड़ाई तो अभी बाकी है.
मंदिर बना लेकिन रामराज्य कहां है
राम मंदिर आंदोलन के दौरान सबसे आगे रहने वाली उमा भारती कहती हैं- राम मंदिर बना है लेकिन अभी राम राज्य कहां आया है. सरकारी अस्पताल औऱ सरकारी स्कूल औऱ प्रायवेट अस्पताल औऱ प्रायवेट स्कूल की व्यवस्था का अंतर तो देखो. क्या हो रहा है. कुत्ते जीवित लोगों को नोच नोंचकर खा रहे हैं. बच्चे ज़िन्दा जल रहे हैं. आईसीयू की बर्न यूनिट में एसी नहीं मिलते औऱ नेता फाइव स्टार में गुलछर्रे उड़ा रहे हैं. राम राज्य लाना है और उसकी लड़ाई लड़नी है.
अब तो मैं जाने वाली नहीं….
जनआशीर्वाद यात्रा में न बुलाए जाने पर उमा भारती इतनी नाराज हैं कि वो कहती हैं अब तो मैं जाने वाली नहीं हूँ. 25 सितंबर तक मैं किसी भी यात्रा से जुड़े कार्यक्रम में नहीं जाऊंगी. वो तो मुझे बुलाने वाले भी नहीं है. मगर उसके बाद जब शिवराजजी कहेंगे तो चुनाव प्रचार में चली जाऊंगी.
सनातन धर्म का विरोध करने वाले खुद खत्म हो जाएंगे
हालिया विवाद उदयनिधि स्टालिन के बयान पर उमा भारती बोलीं उदयनिधि स्टालिन की तो कोई औकात ही नहीं है. सनातन धर्म को खत्म करने की. लेकिन इंडिया जो ग्रुप बना है हमारे विरोधी नेताओं का उनको ज़रूर जवाब देना पड़ेगा. वो ज़रूर खत्म हो जायेंगे. भारत तो खत्म नहीं होगा ना सनातन खत्म नहीं होगा लेकिन जो INDIA गठबंधन बना है ये ज़रूर खत्म हो जायेगा. इसलिये INDIA गठबंधन से उनको अलग हो जाना चाहिये. सिर्फ माफी मांगने से काम नहीं चलेगा.
राहुल की जड़ें भारत में नहीं…
राहुल गांधी और INDIA गठबंधन के बारे में भी उमा भारती की स्पष्ट राय है. वो कहती हैं राहुल गांधी तो खुद ही इसी तरह की सोच रखते हैं. बस ऐसा बोले नहीं है. कभी बोल भी देना है उन्हें. वो विदेश में जाकर भारत के बारे में क्या बोल आये हैं. मोदी जी के बारे में क्या बोलते रहे हैं. इन लोगों का तो दिमाग ही ऐसा है. ना तो ये भारत के लिये सम्मान रखते हैं ना ही भारत के नेताओं के लिये. ये तो ऐसी सोच से प्रभावित हैं जिसकी भारत में जड़ें ही नहीं हैं.
..तो खुद ही खत्म हो जाएंगे
सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भी सब नेता चुप क्यों हैं इस पर उमा कहती हैं-सनातन धर्म को उमा भारती ने नहीं बचााया है. सनातन धर्म तो इसलिये बचा है क्योंकि उस धर्म की एक खूबी है कि उसे कोई मिटा नहीं सकता है. सिद्धांत ऐसे हैं. लेकिन ऐसे लोग बोलकर अपमान करते हैं. तो हम अपमान सहन नहीं कर पा रहे हैं. इस अपमान को INDIA गठबंधन ने अगर बर्दाश्त किया और स्टालिन को INDIA गठबंधन से अलग नहीं किया तो वो खुद ही खत्म हो जायेंगे. उनका समूह हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा.
एमपी में सीएम चेहरा कौन
उमा भारती से जब ये पूछा गया कि अगर इस बार बीजेपी विधानसभा चुनाव जीत गयी तो सीएम चेहरा कौन होगा. क्योंकि एमपी में 2020 में जोड़ तोड़ की सरकार बनाने के बारे में भी उनकी राय जुदा थी. इस पर उमा भारती कहती हैं आज भी मेरा मानना है कि हमें उस समय सरकार नहीं बनानी थी. कमल नाथ ने फ्लोर टेस्ट के लिये इंकार कर दिया था तो ये विधानसभा चुनाव के लिये आइडियल सिचुएशन थी. अगर राष्ट्रपति शासन लगाकर विधानसभा चुनाव करा देते तो कांग्रेस को बीस सीटें मिलतीं. 2020 के बाद इन तीन साल में हमारा लोगों की नज़र में अवमूल्यन कैसा हो गया. मरी मराई पार्टी फिर से चमक उठी. हमें इतनी मेहनत करनी पड़ रही है कि याददाश्त ही कमज़ोर हो गई.
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FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 18:28 IST