रिपोर्ट-कृष्ण कुमार
नागौर. निराश्रित, बेघर, गुमशुदा और अपराधों के शिकार हुए बच्चों के पुर्नवास व उनके घर वापसी के लिए देशभर में घर पोर्टल जारी किया गया है. यह एप राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा जारी किया गया है. वर्तमान समय में दिल्ली में जारी हुआ है, लेकिन नागौर जिले में यह जनवरी के अंत मे शुरु होगा.
यह एप यह करेगा काम
यह एप राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा जारी किया गया है. दिल्ली स्थित एनसीपीसीआर कार्यालय में देशभर की सभी बाल समिति के अध्यक्षों के मंथन के बाद इस ऐप को लांच किया गया है .यह घर पोर्टल ऐप बच्चों की बहाली और प्रत्यावर्तन को डिजिटल रुप से मॉनीटर के साथ ही उनके घर भेजने और ट्रैक करने में भी मदद करेगा. इस पोर्टल सें सबसे ज्यादा उन बच्चों को फायदा होगा ,जो भारत से बाहर व दूसरे राज्य या जिले में बच्चों को भेजा जाता है.
बच्चों का हो सकेगा पुर्नवास
नागौर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने बताया कि यह बच्चों को ढूढ़ने व उनका ख्याल रखने में मदद करेगा. मनोज सोनी ने बताया कि यह एप बच्चों को पुर्नवास के दौरान भाषा या तकनीकी विशेषज्ञों की ऑनलाईन मदद मिलेगी. पोर्टल पर अनुवादक, दुभाषिया, विशेषज्ञों की हर समय उपलब्धता रहेगी.इसमें राज्य सरकार पूरी तरह से मदद करेगी.
वहीं प्रत्येक समिति बच्चे का रिकॉर्ड रखेगी. इस पोर्टल के तहत संबंधित बाल समितियां और जिलों में स्थापित बाल संरक्षण इकाईयां बच्चों के मामले में प्रगति की कारवाई करेगी. घर पोर्टल के माध्यम से श्रेणी अनुसार निर्धारित बच्चों की बहाली व पुर्नवास का काम करेंगी.
जिला मजिस्ट्रेड करेगे समीक्षा
बच्चों से जुड़े मामलों व बच्चों की घर वापसी ,पुर्नवास, बाल सुुुुुुरक्षा, संरक्षण और विकास में प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने को लेकर कानूून में संसोधन कर जिला मजिस्ट्रेड को डीसीपीयू अध्यक्ष के नाते बाल कल्याण समितियों एवं जिला बाल संरक्षण ईकाइयों के नियमित अंतराल पर समीक्षा करने का अधिकार दिया गया है.
यह कहना है इनका
नागौर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने कहा हैं कि यह एप बच्चों के पुर्नवास में बेहद कारगर साबित होगा. इससे पूरी तरह डिजीटल रुप में कार्य हो जाऐगा. जिससे बच्चों को घर भेजने में बेहद आसानी होगी.
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2023, 16:39 IST