ब्रिटिश गवर्नमेंट की नौकरी छोड़ शुरू किया NGO, आदिवासी बच्चों को दे डिजिटल शिक्षा

विनय अग्निहोत्री/भोपाल. राजधानी से करीब 25 किलोमीटर दूर केकाड़िया गांव में अमिताभ सोनी के ‘अभेद्य’ नाम का एनजीओ काम करता है. यह एनजीओ के माध्यम से फ्री में बच्चे शिक्षित हो रहे हैं, साथ ही डिजिटल पढ़ाई भी कर रहे हैं. ऐसे में ये बच्चे कंप्यूटर की पढ़ाई करने के साथ-साथ बेहतर भविष्य के सपने भी देख रहे हैं. गांव में यह सब बदलाव मुमकिन हो पाया है लंदन से जॉब छोड़कर अपने देश वापस लौटे अमिताभ सोनी के प्रयासों से. उन्होंने इसकी शुरुआत फरवरी 2015 में की थी.

10 सालों तक इंग्लैंड में की नौकरी
अमिताभ सोनी ने बताया की मेरा जन्म इंदौर में हुआ, भोपाल में पले-बढ़े. पिता के आर्मी में ऑफिसर होने के चलते कई शहरों में उनका ट्रांसफर होता रहा. ऐसे में अमिताभ की पढ़ाई भी कई शहरों में हुई. लेकिन इंटरनेशनल बिजनेस में डिग्री लेने के बाद अमिताभ सोनी ने 10 सालों तक इंग्लैंड में नौकरी की. ब्रिटिश सरकार के सोशल वेलफेयर बोर्ड लंदन में भी काम किया. लेकिन इसके बाद भी उनके मन में देश के लोगों के लिए कुछ करने का हमेशा विचार रहा.

50 लोगों ने बच्चों की शिक्षा के लिए स्पॉन्सर किया
उन्होंने भारत की तरफ अपनी दिशा बदल दी, भारत में तेजी से बढ़ते हुए प्रवास को रोकने के लिए और महिला सशक्तिकरण के लिए, साथ ही बेरोजगारी जैसी समस्याओं का समाधान करने के लिए उन्होंने फरवरी 2015 में “अभेद्य” नाम के एनजीओ की शुरुआत की. अमिताभ का कहना है कि गांव के विकास के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से मदद ली जा रही है. गांव के विकास के लिए लोग अपनी मर्ज़ी से आगे आकर स्पॉन्सर करते हैं. 50 लोगों ने बच्चों की शिक्षा के लिए धन दिया है, अर्थात्, हर एक बच्चे की पढ़ाई का व्यय लोग उठा रहे हैं, और कंप्यूटर लैब को भी जन सहयोग से तैयार किया गया है.

आदिवासी लोगों को कर रहे शिक्षित
इसके लिए उन्होंने अपने खास जान पहचान के लोगों और दोस्तों से फंड इकट्ठा करना शुरू किया, और उसके आसपास के गांवों के लिए काम करना शुरू किया. सबसे महत्वपूर्ण बात इस एनजीओ की यह थी कि, इस संगठन को चलाने के लिए जनजातियों के समूहों में से पढ़े-लिखे युवाओं को चुना गया, जो इस कार्य को निर्वाचन करते हैं. शुरुआत में 16 लोगों की टीम ने काम की देखरेख की, परंतु जैसे-जैसे काम बढ़ता गया, वैसे-वैसे जनजातियों के अलावा दूसरे समूह के लोग भी इसमें शामिल होने लगे. इस एनजीओ की सेवाएं अब आम लोगों को भी उपलब्ध हैं.

गांव के विकास में निभा रहें महत्वपूर्ण भूमिका
जैसे ही यह संगठन आसपास के स्कूलों के साथ मिलकर गांव को सुविधाएं प्रदान कर रहा है, तथा युवाओं को उचित प्रशिक्षण देने में सहायक हो रहा है. यहां कंप्यूटर-आधारित सेवाएं भी उपलब्ध हैं और बिजली संबंधित समस्याओं का समाधान सोलर पैनलों के साथ किया जा रहा है. इस एनजीओ ने आसपास के गांवों को महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान करके गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आज यह संगठन पूरी तरीके से सफल है.

काफी आगे बढ़ रहे बच्चें
अमिताभ ने बताया कि हमारे यहां के पढ़े हुए बच्चे आज कई उच्च स्तरीय पदवियों को हासिल कर रहे हैं. कुछ बच्चे सिविल सर्विस की तैयारी में जुटे हुए हैं, कुछ का प्री-लिमिनरी परीक्षा पारित हो चुका है, और कुछ बच्चे इंडियन आर्मी में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, इससे हमारे लिए गर्व की बात है.

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