श्री सिद्ध महाकाली मंदिर में 19 साल से जल रही है अखंड ज्योत, ये है इतिहास

ज्योति रानी/ पलवल: श्री सिद्धमहाकाली माता मंदिर को लेकर लोगों की आस्था आज भी उतनी ही प्राचीन है. इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था एक सच्ची कहानी पर आधारित है, जहां काली माता के मंदिर  में 19 साल से अखंड ज्योत जल रही है. जो लोगों को माता के प्रति उनकी पूजा के लिए प्रेरित करती रहती है. मंदिर की मान्यता के बारे में जानकारी देते हुए मंदिर के महंत महेंद्र सिंह ने बताया कि वह एक आम नागरिक की तरह जीवन जीते थे. वह किताबें सीलकर अपना और अपने घर वालों का पालन पोषण कर रहे थे.

एक बार उनकी माता की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई. जिनका जगह-जगह इलाज कराने के बाद भी उनकी माता ठीक नहीं हुई है. उन्होंने अपनी माता को कई बड़े-बड़े डॉक्टर को दिखाया, कई तांत्रिको को दिखाया, लेकिन उन्हें कहीं आराम नहीं मिला. एक दिन उन्होंने परेशान होकर अपने घर में रखी सभी मूर्तियों को लेकर एक कपड़े में बांध कर घर से बाहर फेंक दिया और कहा कि आज से हम नास्तिक बन गए हैं.

तभी से उनकी जिंदगी में ऐसा चमत्कार हुआ. मां काली ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए और फेंकी हुई देवताओं की मूर्तियों को वापस घर में लाने को बोला. उन्होंने माता काली से अपनी माता जी को ठीक करने की मन्नत मांगी और वह ठीक हो गयी. तभी से महंत महेंद्र सिंह की मां काली के प्रति आस्था बढ़ती चली गयी और वह मां काली के परम् भगत बन गए. उन्होंने बताया कि माता की पूजा करने के लिए उनके पास ना सामान होता था और ना ही पैसे होते थे.

इस तरह बढ़ी आस्था
एक दिन किताब सीलने के उन्हें छतीस रुपए उन्हें मिले और उन्होंने 15 रुपए का एक मां काली का फोटो युक्त कलेंडर खरीदा और घर की भट्टी को तोड़ कर, जिसमें वह गज्जक बनाने का काम करते थे उसका हवन कुंड बनाया और माता की पूजा करनी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि माता काली की मूर्ति का निर्माण उन्होंने अपने हाथों से किया. क्योंकि इतने पैसे नहीं होते थे कि वह मूर्ति को खरीद कर लाएं और मन्दिर में स्थापना करें. जब से उनकी माता जी की तबियत ठीक हुई है, उनकी आस्था मां काली के प्रति बढ़ती चली गयी और माता की अखंड ज्योति जला दी और आज भी वह ज्योत 19 वर्षों से लगातार जल रही है.

हर दिन होगा यहां भनज
उनका कहना हैं कि आज इस मंदिर ने भव्य रूप ले लिया है मन्दिर सिद्धि प्राप्त मन्दिर है मंदिर में जो भी भक्त आता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है.  माता के दर्शन के लिए लोग दूर दूर से आते हैं. महेंद्र सिंह ने बताया कि वह अब वह 8 से 10 फुट पलवल की पहली गणेश मूर्ति की स्थापना करने जा रहे हैं जिसका निर्माण कार्य चल रहा है साथी वह इस मंदिर में गरीब बेसहारा फुटपाथ पर रहने वाले लोगों का प्रतिदिन भजन करवाएंगे. उन्होंने बताया कि गरीब परिवार की बेटीओं की शादी के लिए मंदिर का प्रांगण बिल्कुल निशुल्क रहेगा जो गरीब परिवार अपनी बेटी की शादी के लिए जगह की व्यवस्था नहीं कर पाते वह अपनी बेटियों की शादी निशुल्क मंदिर के प्रांगण में कर सकेंगे.

9 देवियों की मूर्ति स्थापना
महंत के अनुसार उन्होंने मंदिर में 9 देवियों की मूर्ति की स्थापना उन्होंने खुद की है इतना ही नहीं मंदिर में भगवान भोलेनाथ व पार्वती की मूर्ति को उन्होंने खुद पत्थर काटकर उन दोनों का स्वरूप दिया है. महंत ने मंदिर प्रांगण में अपनी उस मां की मूर्ति भी स्थापित की हुई है जिसकी बीमारी की वजह से वो मां काली के इतने परम् भक्त बने.

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