पिता के सपने को बनाया अपना सपना, पैसे नहीं थे तो दोस्त से कर्जा लेकर भरा फॉर्म, अब गाड़े सफलता के झंडे

गुलशन कश्यपजमुई: बिहार के जमुई में एक बेटे ने अपने पिता के सपने को अपना सपना बना लिया, इतना ही नहीं उसे पूरा करने के लिए उसने दिन के 22 घंटे मेहनत की. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उसे काफी परेशानियां भी आई. इसके लिए ट्यूशन पढ़ाया. फॉर्म भरने के लिए पैसे नहीं थे तब उसने अपने दोस्त से कर्जा लिया. इसके बाद अब वह अपने पिता के सपनों को सच कर दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया. यह कहानी जमुई जिला के सदर मुख्यालय के ढंढ गांव के रहने वाले रवि रंजन की है, जिसने एसएससी जीडी में सफलता हासिल की है.

22 घंटे रोजाना मेहनत कर पिता के सपने को किया पूरा

रवि रंजन अपने पिता सुबोध सिंह के सपने को पूरा करने में पिछले कई सालों लगा हुआ था. इसकी कहानी काफी अलग है. इसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए काफी मेहनत की. दिन के 22 घंटे मेहनत करने के बाद अपने अपने को इस लायक बनाया कि पिता के सपने को पूरा कर सके. रवि रंजन ने बताया कि वह दिन के 14 से 16 घंटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ता था और स्कूल में भी पढ़ाने के बाद दिन के 4 से 5 घंटे खुद की तैयारी करता था. 20 से 22 घंटे लगातार काम करने तथा थोड़ा आराम करने के बाद अगले दिन की तैयारी के लिए निकल जाता था. इसके बाद एसएससी जीडी में चयन संभव हो पाया. हालांकि रवि रंजन का सपना इससे भी आगे चलकर किसी बड़े पदाधिकारी के रूप में अपने गांव और अपने परिवार को गौरवान्वित करने का है.

फौज में पिता के जाने की चाहत रह गया अधूरा

रवि रंजन के पिता सुबोध सिंह गांव में किराने की दुकान चलाते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी चाहत भी फौज में जाने की थी. लेकिन यह चाहत पूरा न हो सका. मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद पढ़ाई छूट गई तथा आगे नहीं पढ़ सका. इस कारण अपने सपने को पूरा नहीं कर सका. हालांकि बेटे ने सपना पूरा कर दिखाया है. बेटा की उपलब्धि पर माता-पिता के आंखों में खुशी के आंसू छलक आया. रवि रंजन की सफलता पर पूरे गांव में भी खुशी का माहौल है तथा उसकी सफलता से प्रेरणा लेकर अब आस-पास के युवा भी अपने जीवन में सफल बनाने की तैयारी में लग गए हैं.

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