मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की बनाई राखियां, मुरीद हुए CM से लेकर DM

रामकुमार नायक/महासमुंद. रक्षाबंधन पर्व को लेकर बाजार में तरह-तरह की राखियां बेची जा रही है, लेकिन कुछ ऐसी भी राखियां हैं जो लोगों के लिए खास बनी हुई हैं. दरअसल, कम कीमत पर खूबसूरत दिखने वाली यह राखियां इसलिए खास है, क्योंकि दिव्यांगों द्वारा बनाई जा रही है. यह स्पेशल राखी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कलाई में भी सज चुकी है.

इन राखियों को समाज कल्याण विभाग महासमुंद की आशा मनु विकास केंद्र घरौंदा के दिव्यांग बना रहे हैं. महासमुंद के नयापारा स्थित घरौंदा केंद्र में लगभग 20 मानसिक दिव्यांगों के द्वारा आकर्षक राखियां बनाई जा रही हैं, जो कम कीमत की होने के साथ लोगों की पहली पसंद बनी हुई है. 27 अगस्त से बाजार में इन राखियों को स्टॉल लगाकर बेची जा रही है. अब तक यहां बच्चों के द्वारा 1500 से ज्यादा राखियां बनाई जा चुकी है और 10 हजार रुपए से ज्यादा की राखियां बेची जा चुकी है. यानी कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

क्यों खास है हाथ से बनी यह राखियां
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विगत 20 अगस्त को जब महासमुंद के दौरे पर आए थे तब दिव्यांग रानी साहू ने मुख्यमंत्री को अपने हाथों से ये राखियां पहनाई थी. मुख्यमंत्री ने उनके कौशल की सराहना करते हुए सहर्ष अपनी कलाई में राखी पहने थे. इसी तरह महासमुंद कलेक्टर प्रभात मलिक ने भी गत दिवस स्टॉल पहुंचकर राखी बंधवाई थी और खरीदी भी थी. इन राखियों की बाजार में काफी डिमांड भी देखी जा रही है. 5 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की राखियां लोगों की पहली पसंद बनी हुई है. मानसिक और शारीरिक रूप से अशक्त बच्चों के लिए शेल्टर होम चला रहा है. इसमें करीब 20 दिव्यांग हैं. संस्थान इन दिव्यांगों को छोटी-छोटी ट्रेनिंग देकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा रहा है. संस्था ने रक्षाबंधन के सामाजिक रिश्तों में और अधिक प्रगाढ़ता लाने और दिव्यांगों में आत्मविश्वास जगाने के लिए अनूठा प्रयास कर रहे है.

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FIRST PUBLISHED : August 29, 2023, 13:23 IST

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