सच्चिदानंद/पटना:- बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच आज 99 साल पुराना हो गया है. यह एक ऐसा मेडिकल कॉलेज है, जहां के दर्जनों विद्यार्थियों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. यहां से पढ़े स्टूडेंट्स आज पूरी दुनिया में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं. यहां के छात्र रहे डॉ. विधान चंद्र राय पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. इनके नाम पर ही हर साल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. पूर्ववर्ती छात्र बताते हैं कि एक समय था, जब यहां से एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों को विदेशों में आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ती थी.
अंग्रेज के नाम पर था इसका नाम
बिहार के एम्स के नाम से मशहूर पीएमसीएच का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है. यह बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल और कॉलेज है. यहां एमबीबीएस, एमडी और एमएस की पढाई के साथ-साथ गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जाता है. वैसे तो पीएमसीएच की शुरुआत सन 1874 में टेंपल मेडिकल स्कूल के नाम से हुई. तब 30 छात्रों के बैच के साथ इसे शुरू किया गया था. मगर सुचारू रूप से इसकी स्थापना 25 फरवरी 1925 में तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स ने की थी. यह शुरू में बिहार और ओड़िशा का संयुक्त रूप से पहला मेडिकल कॉलेज था. तब इसका नाम ‘प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज’ रखा गया था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर पीएमसीएच रख दिया गया.
दर्जनों विद्यार्थियों को मिल चुका है पद्मश्री
पीएमसीएच के लगभग एक दर्जन विद्यार्थियों को पद्मश्री सम्मान मिल चुका है. उन्हें यह अवार्ड चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए दिया गया है. पद्मश्री सम्मान लेने वाले विद्यार्थियों की लिस्ट में डॉ. एसएन आर्या, डॉ. एके पांडेय, डॉ. सीपी ठाकुर, डॉ. दुखन राम, डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, डॉ. विजय प्रकाश, डॉ. एलएनएस प्रसाद, डॉ. एसपी राम, डॉ. डीके सिंह, डॉ. आरके चौधरी आदि शामिल हैं. इसके साथ ही सन 1961 में डॉ. विधान चंद्र राय को भारत रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : February 25, 2024, 16:28 IST