दिलीप ठाकुर/कैमूर. प्रभू श्रीराम की अयोध्या में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है. पूरे देश के लोग 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इसी दिन प्रभू श्रीराम का पूरे विधि-विधान के साथ प्राण-प्रतिष्ठा होना है. इसको लेकर निमंत्रण कार्ड भी बांटे गए हैं. बिहार के कैमूर जिला स्थित भभुआ के रहने वाले लंबे अर्से तक जनसंघ से जुड़े रहे पूर्व विधायक 94 वर्षीय चंद्रमौली मिश्रा भी उन खुशनसीब लोगों में एक हैं जिनको अयोध्या से बुलावा आया है. चंद्रमौली मिश्रा ने बताया कि श्री राम का मंदिर बनाने का जो सपना बहुत साल पहले से सजा के रखा था, वह आज आंख के सामने पूरा हो रहा है. इससे बड़ी सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है. उन्होंने बताया कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का छात्र रहा और यह सौभाग्य रहा कि अपनी आंखों से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय देख पाया.
पूर्व जनसंघी चंद्रमौली मिश्रा ने बताया कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस से ही पढ़ाई की है. बनारस में ही रहकर वकालत भी की. इसके बाद भभुआ में शादी हो गई तो वहीं आकर रहने लगे और वकालत भी की. हालांकि, उस दौर में कैमूर में जनसंघ का नामोनिशान नहीं था. इसके बाद अपने साथी लालमुनि चौबे सहित अन्य साथियों के साथ मिलकर जनसंघ को मजबूत किया. भभुआ विधानसभा से जनसंघ से पहले विधायक रहे. कारसेवक के रूप में भी काम करते रहे. उस समय राम मंदिर को लेकर विवाद सुर्खियों में था और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री के द्वारा ऐलान किया गया कि अयोध्या में चिड़िया भी पर नहीं मार सकती है. इसको चुनौती समझकर पुलिस की नजरों से बचकर पैदल अयोध्या पहुंचे.
पुलिस की नजरों से बचकर पहुंचते थे अयोध्या
पूर्व जनसंघी चंद्रमौली मिश्रा ने बताया कि दिन में कहीं छुप जाते थे ताकि पुलिस की नजरों से बचे रहे. इसलिए पूरी रात पैदल चलकर अयोध्या पहुंचे थे. जो सपना संजोए थे कि राम मंदिर बने और आज वह सपना पूरा हो रहा है. इस खुशी को बयां करने के लिए शायद शब्द ही कम पड़ जाएंगे. उन्होंने बताया कि जब पूरे विश्व में कोरोना की लहर अपने चरम पर थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर कुशलक्षेम से पूछा था. उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को रामलला का प्राण-प्रतिष्ठा होना है. इसको लेकर आमंत्रण कार्ड मिला है. उन्होंने बताया कि चलने में असमर्थ है, क्योंकि पैर काम नहीं कर रहा है, इसलिए रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो पाएंगे. लेकिन, कैमूर से युवाओं की टीम को रवाना करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : January 8, 2024, 19:00 IST