9000 मोर पंख से सजे है महाकाल वन के युवराज

शुभम मरमट/उज्जैन. बाबा महाकाल की नगरी मे हर जगह गणेश उत्सव की धूम देखने कों मिल रही है, दस दिवसीय उत्सव मे शहर मे हर्ष उल्लास देखने कों मिल रहा है. महाकाल मंदिर चौराहे पर हर साल विराजित होने वाली गणेश पंडाल मे भगवान की प्रतिमा अलग-अलग रूप मे नजर आ रही है, जिसे देखने लोग दूर- दूर से आ रहे है.

मोर पंख से विराजित है युवराज
भगवान कों देखने का अलग अलग नज़रिया होता है और भगवान गणेश उज्जैन के पंडाल में अलग-अलग स्वरूप में नजर आते हैं. इस बार महाकाल इंटरनेशनल चौराहा पर प्रतिमा को 9000 मोर पंखों से सजाया गया, जो की बहुत खूबसूरत है. महाकाल वन के युवराज को देखने सुबह से ही लोगों की भीड़ लग रही है.

मिट्टी की है विशाल प्रतिमा
अवंतिका के युवराज की प्रतिमा को पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, मिट्टी से तैयार कराया गया है. ये मिट्टी गंगा के पास से मंगवाई गई है. इतनी बड़ी प्रतिमा ज्यादातर आपने पीओपी  की ही देखी होगी.

स्पेशल कारीगर द्वारा बनाई है मूर्ति
मूर्तियों को सुंदर रूप देने वाले बंगाली कारीगरो के ओर से तैयार कराया गया है. मूर्ति बनाने में 20 कारीगरो ने 2 महीने की मेहनत के बाद मूर्ति कों ये स्वरुप दिया है. मूर्ति 17 फिट की बताई जा रही है, इतनी बड़ी प्रतिमा ज्यादातर पीओपी की ही बनती है.

50 साल से कर रहे है मूर्ति स्थापित
ऋषभ बाबू यादव ने बताया हर साल गणपति उत्सव बड़े धूमधाम से बनाया जाता है, उन्हें यह आयोजन करते-करते लगभग 15 साल से ज्यादा हो गए हैं. 15 साल से बड़ी प्रतिमाओं को पंडाल मे बैठाया जा रहा है. इसके पहले छोटी प्रतिमा हर साल विराजित होती थी, जो की बुर्जगो द्वारा संचालित होती थी, जिसे 35,40 साल से बैठाया जा रहा था, युवा पीढ़ी ने बड़ी प्रतिमाओं को विराजित करना चालु किया.

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