सच्चिदानंद/पटना. फर्जी दस्तावेज पर बहाल नियोजित शिक्षकों पर जल्द ही गाज गिरने वाली है. शिक्षा विभाग की गुप्त जांच में लगभग 860 नियोजित शिक्षकों को चिन्हित किया गया है. इसके बाद बिहार बोर्ड ने इन सभी शिक्षकों को अपने डॉक्यूमेंट के साथ कार्यालय बुलाया है. अगर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में कोई गलती मिलती है, तो उनकी नौकरी भी जाएगी और कानूनी कार्रवाई भी होगी. आपको बता दें कि 03 मार्च को ही लोकल 18 ने इस फर्जीवाड़े से जुड़ी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद विभाग ने जांच के आदेश दिए और इसके फलस्वरूप 860 नियोजित शिक्षकों की पहचान हो सकी.
बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया गया था, जो अब समाप्त हो गई थी. इस परीक्षा के लिए आवेदन के समय सभी शिक्षकों को अपना STET, BTET, CTET का सर्टिफिकेट अपलोड करना अनिवार्य था. उधर नियोजित शिक्षक एग्जाम देने में व्यस्त थे. इधर शिक्षा विभाग ने उनके डॉक्यूमेंट की जांच शुरु कर दी. इस गोपनीय जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए. फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर नौकरी लेकर कई नियोजित शिक्षक कई साल से स्कूलों में पढ़ा रहे थे और सरकार से सैलरी भी ले रहे थे. ऐसे लगभग 860 शिक्षकों की पहचान इस जांच के जरिए हुई है. कई तो ऐसे शिक्षक है जो एक डॉक्यूमेंट पर दो स्कूलों में पढ़ा रहे हैं.
यह भी पढ़ें- बड़ी-बड़ी बीमारियों का दुश्मन है ये पौधा, गठिया, अस्थमा, कैंसर को करता है नियंत्रित, सात दिन में दिखेगा रिजल्ट
इस दिन होगा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन सभी 860 नियोजित शिक्षकों को अपने सारे डॉक्यूमेंट्स लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के ऑफिस में 21 मार्च तक बुलाया गया है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया गोपनीय ढंग से की जा रही है. इस वेरिफिकेशन में अगर यह संदेह, सच साबित होता है तो इन शिक्षकों की नौकरी भी जाएगी साथ ही कानूनी कार्रवाई भी होगी. आपको बता दें कि सक्षमता परीक्षा के पहले चरण में करीब 2.32 लाख नियोजित शिक्षकों ने फॉर्म भरा था. राज्य में कुल नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब 3.50 लाख है.
.
Tags: Bihar News, Education news, Local18, PATNA NEWS
FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 17:30 IST