दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम: जिले के इटारसी में रहने वाले एलएनआईपीई (ग्वालियर) के सेवानिवृत्त एथलीट कोच डॉ. डीएस निर्भय की अपनी एक अलग ही कहानी है. डॉ. निर्भय 82 साल की उम्र में आज भी 10 किलोमीटर की वॉक करते हैं. इन्होंने हाल ही में हरियाणा की मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 एवं 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल भी जीता है. उनकी कामयाबी में वह अपनी पत्नी का साथ बताते हैं.
सन 1978 में डॉ. निर्भय पान सिंह तोमर एवं मिल्खा सिंह के साथ दौड़ लगा चुके हैं. बताया कि मुझे उनके साथ दौड़ने का अवसर प्राप्त हुआ. उन्होंने अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए बताया कि पान सिंह तोमर हमेशा शांत रहने वाले व्यक्ति थे. उनके साथ कोई भी व्यक्ति मस्ती मजाक करता था, तब भी वह शांत ही रहते थे. उनका पूरा फोकस सिर्फ दौड़ने पर हुआ करता था.
स्पोर्ट्स कोटे से हुई भर्ती
डॉ. निर्भय रनिंग के दौरान ओवर प्रैक्टिस के चलते उनकी एड़ियों में चोट लग गई और दौड़ना मुश्किल हो गया, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. डॉ. निर्भय नेवी में स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती हुए. शासन ने उन्हें बतौर कोच एलएनआईपीई में नियुक्त किया. बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें एथलीट बनने का शौक था. अपने इस शौक को कभी पीछे नहीं छोड़ा और साल 1959 में उनकी नेवी में स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी लग गई.
चोट लगने के बाद भी हार नहीं मानी
डॉ. निर्भय ने बताया कि अधिक प्रैक्टिस करने की वजह से 1963 में एड़ी में प्रॉब्लम आ गई, जिसके कारण डॉक्टर ने उन्हें दौड़ने से मना कर दिया था. लेकिन. वह निराश हुए पर हार नहीं मानी. वह बतौर कोच एलएनआईपीई में आ गए और फिर उन्होंने कोचिंग के साथ क्लास भी ली. उनकी ट्रेनिंग के बाद कई एथलीट ने मेडल जीते हैं. साल 2000 में वह एलएनआईपीई से रिटायर हो गए.
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FIRST PUBLISHED : December 5, 2023, 15:23 IST