8 KM पैदल चलकर स्कूल जाते थे बच्चे, इस संस्था ने निकाला ऐसा रास्ता टेंशन हो गई दूर

ओम प्रकाश निरंजन/कोडरमा. जिले के सुदूरवर्ती जंगली इलाकों में बसे गांवों में ‘हैंड इन हैंड इंडिया’ संस्था बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करने को लेकर कई योजनाओं पर कार्य कर रही है. संस्था के डिप्टी जनरल मैनेजर रवि रंजन ने बताया कि जिले के चंदवारा प्रखंड अंतर्गत घोटप्पी, घाटोडाबर एवं ओकर चुआं के बच्चों को उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेंदी जाने के लिए 8 KM से भी अधिक दूरी का पैदल सफर तय करना पड़ता था.

जानकारी के बाद संस्था ने बच्चों के विद्यालय आने-जाने में हो रही परेशानी एवं विद्यालय से घर की दूरी अधिक होने से बच्चों की कम उपस्थिति को देखते हुए समाधान का निर्णय लिया. रवि रंजन ने बताया कि इसके बाद उनकी संस्था द्वारा लंबी दूरी तय कर बेंदी हाई स्कूल और मिडिल स्कूल आने वाली 10 छात्राओं के बीच नि:शुल्क साइकिल का वितरण किया गया. वहीं, 20 बच्चों के लिए निःशुल्क वाहन की व्यवस्था की गई है, जो बच्चों को प्रतिदिन घर से विद्यालय और विद्यालय से वापस घर पहुंचने का काम करेगी.

पैदल विद्यालय आने-जाने में लगते थे 4 घंटे
रवि रंजन ने बताया कि घर से विद्यालय की दूरी काफी अधिक होने की वजह से बच्चे पैदल जंगल के रास्ते करीब 8 किलोमीटर का सफर तय कर विद्यालय पहुंचते थे. इस दौरान उन्हें विद्यालय आने में करीब 2 घंटे और विद्यालय से जाने में 2 घंटे का समय लगता था. इसमें बच्चों को काफी परेशानी होती थी. संस्था के द्वारा साइकिल का वितरण और वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने से अब बच्चे प्रतिदिन विद्यालय पहुंच रहे हैं और उनके समय की भी बचत हो रही है.

चाइल्ड लर्निंग सेंटर में बच्चों को मिल रही शिक्षा
रवि रंजन ने बताया कि बेंदी पंचायत में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उनकी संस्था के द्वारा नि:शुल्क चाइल्ड लर्निंग सेंटर का भी संचालन किया जा रहा है. जो अगले 3 वर्षों तक पंचायत के 200 बच्चों को नि:शुल्क बेहतर शिक्षा प्रदान करेगी. चाइल्ड लर्निंग सेंटर में निजी शिक्षण संस्थान की तर्ज पर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है और उनके बीच अलग-अलग गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है.

पहले बरसात में नियमित नहीं आते थे विद्यालय
उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेंदी कक्षा छठी की छात्रा माया कुमारी एवं सबिता कुमारी ने बताया कि विद्यालय से उसका गांव घोटप्पी 8 किलोमीटर की दूरी पर है. इस दौरान रास्ते में जंगल भी पड़ता है. बरसात के मौसम में विद्यालय आने में काफी परेशानी होती थी. विद्यालय जाने में कई घंटे लगते थे. कई बार विद्यालय नहीं जा पाते थे. हैंड इन हैंड इंडिया संस्था के द्वारा वाहन उपलब्ध कराए जाने से गांव की सभी छात्राएं अब नियमित तौर पर स्कूल आती हैं और उन्हें काफी सुविधा हो रही है.

जंगल और रेलवे लाइन पार कर पैदल बच्चे आते थे स्कूल
उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेंदी के प्रभारी प्रधानाध्यापक चंद्रिका सिंह ने बताया कि संस्था के द्वारा बच्चों के लिए वाहन की व्यवस्था करने के बाद एवं छात्राओं के बीच साइकिल का वितरण होने से विद्यालय में उनकी उपस्थिति नियमित हो गई है. घोटप्पी और ओकर चुआं के बच्चों को रेलवे लाइन और जंगल से होकर पैदल विद्यालय पहुंचना पड़ता था. वाहन की व्यवस्था होने से बच्चों को अब काफी सुविधा मिल रही.

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