जितेंद्र बेनीवाल/ फरीदाबाद. फाल्गुन माह की शिवरात्रि का विशेष महत्व है. इसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन माह की चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था. इसी वजह से फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस बार महाशिवरात्रि 08 मार्च को मनाई जाएगी. इस अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और व्रत करने का विधान है. शायद कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है, कि आखिर किस वजह से महाशिवरात्रि के त्योहार को क्यों मनाया जाता है. महाशिवरात्रि पर पूजा करने की विधि क्या है.
पंडित सीताराम ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, देवों के देव महादेव और मां पार्वती का विवाह फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था. इसी वजह से हर साल फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि के पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस विशेष अवसर पर शिव भक्त भगवान शिव की बारात निकालते हैं. साथ ही भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही व्रत करते हैं. मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से साधक को वैवाहिक जीवन से संबंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है. साथ ही दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
महाशिवरात्रि का पर्व
पंडित सीताराम का कहना है कि पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 08 मार्च को रात्रि में 09 बजकर 57 मिनट से होगा और जिसका समापन अगले दिन यानी 09 मार्च को शाम को 06 बजकर 17 मिनट पर होगा. ऐसे में 08 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन दान करने से विशेष लाभ मिलते हैं. सफेद वस्तुएं दान करने से दांपति के जीवन में सुख आता है.
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FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 13:41 IST
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