पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना केस में 14 साल जेल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान में चुनाव 8 फरवरी को होने हैं जिसके लिए प्रचार भी चरम पर है। सियासी जंग जारी है। वहीं इमरान खान को सजा सुनाए जाने के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया है। ये सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या वाकई पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हो पाएंगे।
पाकिस्तान में एक बार फिर कैदी नं 804 की मुश्किल बढ़ गई है। चुनाव से ठीक एक हफ्ते पहले विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 10 साल की सजा सुनाई। उनके करीबी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी 10 साल की सजा मिली है। पहले इमरान खान को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सरकार ने सारे हथकंडे अपनाए। अब जेल की सलाखों के पीछे 10 सालों तक डालने का इंतजाम कर दिया है। इमरान खान अगले पिछले अगस्त से ही रावलपिंडी की जेल में बंद हैं। इमरान खान पर 100 से ज्यादा केस हैं। वहीं 31 जनवरी को पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना केस में 14 साल जेल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान में चुनाव 8 फरवरी को होने हैं जिसके लिए प्रचार भी चरम पर है। सियासी जंग जारी है। वहीं इमरान खान को सजा सुनाए जाने के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया है। ये सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या वाकई पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हो पाएंगे।
एक तरफ पाकिस्तान में राजनीतिक बदले का दौर चर रहा है तो दूसरी तरफ मुल्क के टुकड़े-टुकड़े होने की कोशिशें जोर पकड़ने लगी हैं। बलूचिस्तान में विद्रोह की आग लग गई है और दावा किया जा रहा है कि बलूचिस्तान आर्मी ने माच शहर में कई जगहों को अपने कब्जे में ले लिया है और पाक सेना को ढेर कर दिया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी पाकिस्तान के खिलाफ असंतोष है। गिलगित बाल्टिस्तान में तो महंगे आटे को लेकर जनता सड़कों पर है। टुकड़े-टुकड़े होने के कगार पर पहुंचने के बावजूद भी पाकिस्तान की सेना भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज नहीं आ रही है। पाक सेना ने कहा कि भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। इसका असली चेहरा अब दुनिया के सामने आ गया है।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर की अध्यक्षता में मंच ने आम चुनाव 2024 का शांतिपूर्ण संचालन के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) की सहायता के लिए पाकिस्तानी सेना की तैनाती पर चर्चा की। पाकिस्तानी सेना ईसीपी के दिशानिर्देशों के तहत संवैधानिक आदेश के अनुसार सौंपे गए कर्तव्यों का पालन करेगी। किसी को भी राजनीतिक गतिविधि के नाम पर हिंसा में शामिल होने और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की सर्वोत्कृष्ट लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पवित्र और अनुल्लंघनीय है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सभी राज्यों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करता है। हालाँकि, देश की संप्रभुता, राष्ट्रीय सम्मान और पाकिस्तानी लोगों की आकांक्षाओं पर कभी कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सम्मेलन में राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देने और पाकिस्तानी नागरिकों को निशाना बनाने, राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देने और गैर-न्यायिक हत्याओं के क्रूर भारतीय अभियान के बारे में जानकारी दी गई। इसमें इस बात पर सहमति हुई कि भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन और उसका असली चेहरा दुनिया के सामने लाया जाए। फोरम ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पहले ही भारत के आपराधिक व्यवहार और दुनिया भर में हत्याओं के लिए राज्य तंत्र के उपयोग पर गंभीर चिंता दिखा चुका है।
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