मोहन प्रकाश/सुपौल. हुनर किसी डिग्री का मोहताज नहीं होता. पूरी प्लानिंग और जानकारी के साथ कोई काम किया जाए, तो सफलता जरूर मिलती है. साथ ही जीवन में नई शुरूआत करने की कोई उम्र भी नहीं होती है. यह सब महज जुमला नहीं है. यह सब साबित कर दिखाया है आठवीं पास 59 वर्षीय किसान ने. जिन्होंने 57 वर्ष की उम्र में अपने जीवन की नई शुरूआत खेती के साथ की. महज दो वर्ष के अंदर उनकी सालाना आमदनी 15 लाख रुपए तक पहुंच गई है. इसे देख अब दूसरे किसान भी उनकी तरह खेती करने की सोचने लगे हैं.
आत्मा से जुड़ने के बाद बदल गई सोच
दरसअल, सुपौल जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत हरदी पूरब पंचायत के लक्ष्मीनिया वार्ड-12 निवासी 59 वर्षीय किसान उमेश मेहता बताते हैं कि वे केवल आठवीं तक पढ़े हैं. लेकिन इससे उनको खेती-किसानी में कोई परेशानी नहीं होती है. वे पहले महज दो बीघा जमीन में पारंपरिक फसलों की खेती करते थे. इससे मुनाफा ना के बराबर होता था. इसके बाद वे वर्ष 2021 में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) से जुड़े. फिर बेहतर खेती करने के लिए पटना, हरियाणा के करनाल सहित अन्य स्थानों पर जाकर ट्रेनिंग ली. इसके बाद 16 बीघा जमीन में सब्जियों की खेती शुरू की.
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नहीं रहते एक मंडी पर निर्भर
वे बतातें है कि बीते दो वर्ष से केवल मौसमी सब्जियों की खेती कर रहे हैं. जिससे सालाना 15 लाख रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं. इस बार भी उन्होंने अपने घर के समीप ही 16 एकड़ जमीन में फूल गोभी, पत्ता गोभी और मिर्च की खेती की है. वे कहते हैं कि अपनी फसल को बेचने के लिए वे किसी एक शहर की मंडी पर निर्भर नहीं होते हैं. जिस मंडी में तेजी रहती है, वे वहीं पर अपनी सब्जी बेचते हैं. यही कारण है कि वे सुपौल के साथ-साथ, सहरसा, सिंहेश्वर, फारबिसगंज और दरभंगा तक की मंडी में सब्जी बेचते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 10, 2023, 11:27 IST