7th Pay Commission: वेतन वृद्ध‍ि को लेकर यहां फंसा पेंच…केंद्रीय कर्मचारी कर रहे डीए हाइक का इंतजार

DA Hike: लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स साल की पहली छमाही में होने वाली डीए हाइक का इंतजार कर रहे हैं. उम्‍मीद की जा रही है क‍ि सरकार की तरफ से हर बार की तरह इस बार भी मार्च के महीने में महंगाई भत्‍ता बढ़ाने का ऐलान क‍िया जाएगा. अभी केंद्रीय कर्मचार‍ियों को 46 प्रत‍िशत की दर से महंगाई भत्‍ता म‍िल रहा है. लेक‍िन कर्नाटक में महंगाई भत्‍ते को लेकर पेंच फंस रहा है. जी हां, राज्य सरकार के लाखों कर्मचार‍ियों के इस साल वेतन वृद्धि के ब‍िना रहने की संभावना है.

वेतन वृद्धि का प्रस्ताव अन‍िश्‍च‍ितता में फंसा हुआ

दरअसल, कर्नाटक में वेतन वृद्धि का प्रस्ताव अन‍िश्‍च‍ितता में फंसा हुआ है. सरकार की तरफ से 7वें वेतन आयोग के तहत डीए हाइक को लागू करने में देरी करने पर विचार चल रहा है. अधिकार‍ियों की तरफ से महंगाई भत्‍ता बढ़ाने में देरी का कारण राजस्व संकट बताया जा रहा है. अध‍िकार‍ियों की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि राज्‍य सरकार का ध्‍यान अगले महीने पांच गारंटी योजनाओं को फंड देने के लिए संसाधन जुटाने पर रहेगा.

डीए हाइक में हो रही बढ़ोतरी को लेकर च‍िंता
कर्नाटक राज्य सरकारी कर्मचारी संघ (KSGA) के सदस्‍य भी डीए हाइक में हो रही बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं. उन्‍हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया वेतन आयोग की रिपोर्ट स्वीकार करेंगे और महंगाई भत्‍ते में इजाफे का ऐलान करेंगे. दूसरी तरफ केएसजीए और मुख्यमंत्री के बीच होने वाली मीट‍िंग को भी स्थगित कर द‍िया गया है. दरअसल, शुक्रवार को सिद्धारमैया युवा निधि योजना की शुरुआत को लेकर व्यस्त थे.

वेतन वृद्धि की घोषणा बजट में करने की जरूरत नहीं
केएसजीए सचिव सदानंद नेलागुदरी ने कहा कि वेतन वृद्धि की मांग लंबे समय से लंबित है. इसे पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. केएसजीए ने यह भी कहा कि वेतन वृद्धि की घोषणा बजट में करने की जरूरत नहीं है. सिद्धारमैया इसके ल‍िए बजट से अलग घोषणा कर सकते हैं.

जब 30% वेतन वृद्धि की घोषणा की थी
साल 2018 में सिद्धारमैया की तरफ से 5वें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया था. फरवरी में 2018-19 का बजट पेश करने से पहले कर्मचारियों के लिए 30% वेतन वृद्धि की घोषणा की गई थी. इससे सरकारी खर्च 10,508 करोड़ रुपये बढ़ गया था. लेकिन वित्त विभाग के एक सीन‍ियर ऑफ‍िसर ने कहा क‍ि इस बार सरकार बाध्य हो सकती है. इसी तरह की 30% बढ़ोतरी से सरकार को करीब 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. लेकिन एसोसिएशन 40% बढ़ोतरी की मांग कर रही है.

अधिकारी ने कहा कि मांग को पूरा करना एक ‘चुनौती’ होगी, क्योंकि सरकार पांच गारंटी योजनाओं को लागू करने के लिए मजबूर है. इन योजनाओं को पूरा करने से साल 2024-25 में सरकारी खजाने पर करीब 58,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य के स्वामित्व वाले टैक्‍स से राजस्व 1.7 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. उम्मीद जताई जा रही है क‍ि असल कलेक्‍शन करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये होगा.

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