रामकुमार नायक/महासमुंद ( सुकमा: छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला कभी नक्सलियों के नाम से जाना जाता था लेकिन अब जिले में विकास की नई कहानी लिखी जा रही है. सुकमा जिला के घोर नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गांव के ग्रामीणों को स्वतंत्रता दिवस पर एक नई सौगात मिली है. दरअसल यहां के लोगों को आजादी के 76 साल बाद पहली बार बिजली नसीब हुई है. लोगों ने पहली बार बल्ब की रोशनी में आजादी को अपनी आंखों से देखा है.
छत्तीसगढ़ सरकार की मंशानुरूप प्रदेश सरकार की विकास , विश्वास और सुरक्षा के थीम पर कार्य करते हुए जिला प्रशासन, जिला पुलिस और सीआरपीएफ के कड़े प्रयासों से अब एलमागुंडा गांव में आज़ादी के बाद पहली बार विद्युत सेवा का आरंभ हुआ है.
सुरक्षाबलों के प्रति बढ़ा विश्वास
नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गांव में जैसे ही बिजली सेवा पहुंची ग्रामीणों की ख़ुशी देखते ही बन रही थी. गौरतलब है की एलमागुंडा गांव में इसी वर्ष फरवरी माह में सुरक्षाबलों का कैम्प स्थापित किया गया था. जिसके बाद से गांव तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने सीआरपीएफ, जिला पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से प्रयास शुरू किया गया और अब गांव में बिजली पहुंचने से ग्रामीणों का विश्वास भी शासन-प्रशासन और सुरक्षाबलों के प्रति बढ़ गया है.
बुनियादी ढांचों का हो रहा विकास
सुकमा जिले के कुछ गांव नक्सल प्रभावित और संवेदनशील हैं. लिहाज़ा सुरक्षाबलों के जवानों द्वारा प्रशासन व पुलिस के संयुक्त प्रयासों से ग्रामीणों से बेहतर सम्बंध स्थापित करने तमाम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में कैम्प स्थापित करने के साथ ही उन इलाक़ों में लोगों की बुनियादी ज़रूरतों को पहुंचाने का काम किए जा रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों में हुआ सुविधाओं का विकास
एलमागुंडा गांव इस बात का सबूत है जहां आज़ादी के बाद पहली बार विद्युत सेवा पहुंच पाई है. नक्सल इलाक़ों में लोगों तक शासन की योजनाएं पहुंचाने यहां सीआरपीएफ ज़िला पुलिस और प्रशासन संयुक्त रूप से बेहतर तालमेल के साथ काम कर रहे हैं. बीते कुछ वर्षों में लोगों तक शिक्षण व चिकित्सीय सेवा ग्रामीणों तक बेहतर तरीक़े से पहुंचाई गई हैं. अब बिजली पहुंचा कर ग्रामीणों में विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2023, 14:00 IST