कैलाश कुमार/बोकारो. किसी भी काम को अगर निष्ठा और प्रेम के साथ किया जाए तो पहचान बनते देर नहीं लगती. ऐसे ही बोकारो के कोऑपरेटिव कॉलोनीकि 75 वर्षीय ज्योतिर्मय डे है जो बीते 40 वर्षों से अनूठे डाक टिकट का संग्रहन कर रही हैं. उनके पास देश विदेश के अनूठे डाक टिकट का संग्रह है. लोकल 18 से खास बातचीत में ज्योतिर्मय ने कहा कि उन्हें डाक टिकट की प्रति रुचि नॉर्थ अमेरिका में विजिटर एक्सचेंज प्रोग्राम में आयोजित फिलेटली शो को देखकर हुई. जिसके बाद उन्होंने वर्ष 1981 से डाक टिकट संग्रह करना शुरू किया और आज उनके पास रेलवे इंजन ,भारतीय महापुरुष और फुटबॉल खेल से जुड़ी 2000 से भी अधिक डाक टिकट का संग्रह है. इसके अलावा वह विभिन्न देश के मैचबॉक्स और देश विदेश के अनूठे नोट की भी संग्रह करती है.
डाक टिकट के अनूठे संग्रह में उनके पास के शकुंतला पोस्टल स्टैंप और फिलिस्तीन के 22 कैरेट गोल्ड का डाक टिकट शामिल है और वह हर टिकट में छुपी रोचक जानकारी दूसरों से साझा करती है.
डाक टिकट संग्रह को लेकर ज्योतिर्मय जी ने बताया कि डाक टिकट संग्रह एक एक अच्छा हॉबी है. जिसे युवा कर सकते हैं और इससे देश-विदेश ,अर्थव्यवस्था,भौगोलिक से जुड़ी जानकारी देखने को मिलेगी जो एक छोटे से रंग बिरंगे डाक टिकट में मौजूद होता हैं.
22 कैरेट गोल्ड का डाक टिकट शामिल
वहीं अपने पारंपरिक पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए ज्योतिर्मय ने आगे कहा कि उनके पति निर्मल दे एयर कमांड सिगनल रेजीमेंट में गैर लड़ाकू सदस्य के रूप में राष्ट्र की सेवा दी थी और उसके बाद उन्होंने सेल बोकारो में भी अपनी सेवाएं दी.खेल भावना और सामाजिक कार्यों में को देखते हुए अल्बर्टा एक्का पुरस्कार झारखंड के राजपाल द्वारा प्रदान किया गया था. वर्ष 2018 में उनके पति के निधन के बाद अब वह खेल में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है और युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही है.वहीं डाक टिकट संग्रह देखने आई फिजा ने बताया कि उन्हें डाक टिकट देखकर प्रेरणा मिली है कि इस उम्र में डाक टिकट संग्रह के प्रति जुनून काबिले तारीफ है.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 22:15 IST