विक्रम कुमार झा/पूर्णिया : असम के अलावा मां कामख्या बिहार के पूर्णिया में एक दिन दर्शन देती है. यह सही बात आप पढ़ रहें हैं.ऐसा दावा पूर्णिया के कामाख्या स्थान मंदिर के पंडित गौरीकांत झा एवं पवन झा करते हैं. हर मंगलवार के दिन असम के गुवाहाटी स्थित मां कामरूप कामाख्या मंदिर का पट बंद रहता है. इस दिन मां स्वयं पूर्णिया के केनगर स्थित इस मंदिर में सुबह से शाम तक विराजती हैं. जिस कारण मंगलवार को दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं. सबसे खास बात आपकी कोई भी इच्छा यहां मां पूरी करती है.
700 साल पुराना है इतिहास
असम से चलकर पूर्णिया कामाख्या स्थान मंदिर में हर मंगलवार को मां आती है. यहां भक्तों की करते मुरादे पूरी करती है. जानकारी देते हुए मंदिर के पंडित पवन झा एवं पंडित गौरीकांत झा कहते हैं कि यह मंदिर 700 साल पुराना है. इस मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन रहा है. माता के भक्त भागीरथ झा माता को लाने कामाख्या गए थे. लेकिन आने के दौरान माता ने भक्तों से रोजाना बलि प्रथा की मांग रखी.
उन्होंने घर जाकर वादा किया और बोला माता रोजाना तो नहीं लेकिन हर मंगलवार को बली दी जायेगी. तब जाकर माता अपने भक्त भागिरथ झा की बातों से सहमत होकर हर मंगलवार को पूर्णिया के इस मंदिर में रहती हैं. तब से हर एक मंगलवार को माता आसाम से चलकर यहां आती है.
इन्हीं कारणों से असम के मंदिर का पट बंद रहता है
इस कारण असम में 8:00 बजे से लेकर सुबह के शाम के 4:00 तक माता कामरूप कामाख्या मंदिर का कपाट बंद रहता है. इस दौरान पूर्णिया के इस मंदिर में माता विराजमान रहती है. इसलिए जो भी वहां लोग जाते हैं, वह वहां पर देखते हैं मंदिर का पट बंद है, तो वहां पर पंडित और वहां के लोगों के द्वारा उन्हें बताया जाता है कि आज यहां पर माता कामरूप कामाख्या यहां नहीं है वह पूर्णिया जिला में है. इस तरह मंगलवार को पूर्णिया के कामाख्या स्थान मंदिर में मंगलवार को बड़े मेले का आयोजन भी होता है. दूर-दूर से श्रद्धालु आकर अपनी मनोकामनाएं को लेकर पूजा अर्चना करते हैं.
पान से जान सकते हैं अपनी इच्छा
पंडित गौरीकांत झा कहते हैं मंगलवार के दिन सुबह 8 बजे से शाम के 4 बजे पूजा के दौरान जो भी भक्त अपनी इच्छा संतान, सुख, शांति, समृद्धि सहित अन्य मनोकामना जानने के लिए मंदिर मे माता के सामने आदेश पान चढ़ाकर अपनी मनोकामना जान सकते हैं. साथ ही साथ इस मंदिर में कोई भी भक्तमांगने के लिए आते हैं या कुष्ठ रोगी आते हैं या जिसको जो भी इच्छा होती है, वह उसी को लेकर पूजा अर्चना करते हैं. वही माता कामाख्या यहां 8:00 बजे से लेकर शाम के 4:00 बजे तक रहती हैं. उसी में सबका कष्ट दूर होता है.आप भी अपनी इच्छाओं को यहां पर आकर आदेश पान के माध्यम से आसानी से जान सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 23:09 IST