दीपक पाण्डेय/खरगोन.सनातन धर्म में देवियों की पूजा और उनके नाम का व्रत रखने के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं है. भारत में देवी देवताओं के कई मंदिर ऐसे है भी जिन्हे चमत्कारी बताया जाता है. मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में मौजूद रेणुका माता का मंदिर भी कुछ इसी प्रकार है. गांव के ही एक भक्त को माता ने सपने में दर्शन दिए थे, जिसके बाद यहां माता के मंदिर का निर्माण हुआ. किवदंती है कि माता के आशीर्वाद से ही भक्त के घर कई वर्षों बाद पुत्र की प्राप्ति हुई थी.
जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर राजपुरा और खेड़ा गांव के बीच पहाड़ी पर करीब 700 वर्ष पुराना रेणुका माता का प्राचीन मंदिर है. यहां माता पिंडी रूप में मौजूद है. पास में रेणुकेश्वर महादेव, माता पार्वती, मां भवानी और गणेशजी के साथ विराजित है. मान्यता है की यहां मांगी हुई हर मनोकामना पूरी होती है. इसके अलावा जिन लोगों को शरीर में मस हो जाती है वें माता के दर्शन कर उनके नाम से 5 व्रत रखते है तो उनकी यह बीमारी जड़ से खत्म जाती है.
दर्शन के लिए दूर-दूर से आते है श्रद्धालु
मंदिर समिति के उपाध्यक्ष दिलीप पटेल ने कहा कि उनके पूर्वजों द्वारा 14वीं शताब्दी में यहां माता रेणुका की स्थापना करके मंदिर का निर्माण किया गया है. गर्भगृह और सभामंडप आज भी अपने पुराने मूल स्वरूप में ही मौजूद है, जबकि बाहरी हिस्सा बाद में बनाया गया है. पटेल (कुंडबी) समाज माता को कुल देवी के रूप में पूजते है. दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते है.
इस दिन रखना होगा व्रत
उनका मानना है कि जिस भी महिला/पुरुष को शरीर में मस हो जाती है वें पंचांग के अनुसार महीने की चौदस तिथि के दिन माता के नाम से व्रत रखता है तो उसकी यह बीमारी हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है. भक्त को लगातार 5 व्रत रखने होंगे तभी फल की प्राप्ति होगी. बता दें की यह साल में एक बार वैशाख की चौदस के दिन एक दिवसीय मेले का भी आयोजन होता है. जिसमे शामिल।होने के लिए मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी भक्त आते है. रात 12 बजे माता की पूजा होती है.
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FIRST PUBLISHED : December 7, 2023, 14:36 IST