7 बार असफलता, लास्ट चांस में SSC CGL में सौरभ की आई AIR 1, बने स्टेटिक्स ऑफिसर

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया : कुछ करने का जुनून अगर आपके अंदर जाग गया है तो सफलता पीछे नहीं आगे दौड़ेगी. फिर संसाधन की कमी आपके आड़े नहीं आती है. पूर्णिया के इस युवा ने भी सरकारी नौकरी की चाहत और अपने मां के सपना को पूरा करने के लिए दिन-रात एड़ी चोटी एक कर खुद को झोंक दिया. कई बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी. आखिरी प्रयास में इस परीक्षा में आल इंडिया 1 रैंक लाकर सफलता पाई. अब स्टैटिक्स विभाग के जेएसओ अधिकारी बने हैं. इनकी सफलता की बहुत खास है.

कई बार असफलता के बाद भी नहीं मानी हार
युवा सौरभ कुमार कहते हैं कि उनके पिता साधारण किसान है और वह मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने कहा आर्थिक परेशानियों से लड़ने के लिए और पारिवारिक स्थिति को देखते हुए अपनी पढ़ाई के साथ किसी अन्य कोचिंग संस्थान में पढ़ाया भी. जिससे कुछ रुपये मिलते थे. उस पैसे से वह खुद भी पढ़ाई करता था. अपने चार छोटे भाई बहनों एवं परिवार की परवरिश करता था. उन्होंने कहा वह 2016 से ही कोचिंग पढ़ाकर खुद पढ़ता था. परिवारिक बोझ बढ़ने से कई समस्याओं से होकर गुजरना पड़ा. उन्होंने कहा सरकारी नौकरी के लिए निर्धारित उम्र सीमा को गुजरते देख और बार-बार असफलता पाकर काफी हताश हो गया था.

मां के सपनों को पूरा करने और सरकारी नौकरी के लिए पढ़ाना छोड़ा
सौरभ कहते हैं मां का सपना और सरकारी नौकरी का जज्बे ने उन्हें झकझोर कर रख दिया. सपने टूटते नजर आने लगे. फिर अपनी गलतियों पर नजर पड़ी. लगा कोचिंग पढ़ाने के कारण अब तक उन्हें लगभग 7 परीक्षाओं में असफलता मिली. फिर उन्होंने अपनी उस गलती को सुधारते हुए कोचिंग संस्थान में पढाना बंद कर दिया. फिर सरकारी नौकरी के लिए मेहनत करना शुरू कर दी. कई बार असफल होने के बाद मेहनत का परिणाम 2023 के एसएससी सीजीएल में मिली. इसमें आल इंडिया 1 रैंक लाकर मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक्स में जेएसओ अधिकारी का पद प्राप्त किया.

परीक्षा देने के लिए नहीं था पैसा, रिश्तेदारों से मांगी थी मदद
उन्होंने कहा उसका परिवारिक हालात काफी खराब थी. कभी परीक्षा और पढ़ाई के लिए पैसें नहीं रहते थे. भूखे प्यासे रहकर भी पढाई की. परीक्षा देने के समय इतने पैसे नहीं हो पाते थे कि वह कभी परीक्षा देने जा सकें. हालांकि वह अपने रिश्तेदार और चाचा से कर्ज लेकर वह अपने पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी के लिए जाया करते थे.

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युवाओं को दिये सफलता के मूल मंत्र
युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आप कई बार असफल हो जाते हैं तो आप उनसे हार ना माने. गरीबी को बीच में कभी आने ना दें. अगर आपका गोल सेट है तो आप 2 साल कड़ी मेहनत करें तो निश्चित तौर पर आपको सफलता मिलेगी और 2 साल सिर्फ आप अपने लिए निकालिए तो निश्चित ही सफलता आपकी कदम चूमेगी.

सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरु को दिया
उन्होंने कहा आज वह मिनिस्ट्री ऑफ सांख्यिकी विभाग में उन्हें जेएसओ के पद पर जॉइनिंग मिला है. उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरु आंनद कुमार मिश्रा को दी है. इन सबों के मार्गदर्शक से वह टूटते समय को गुजारा है. परिस्तिथियों से लड़ते हुए सफलता पाई है.

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