आकाश कुमार/जमशेदपुर. महिलाएं पुराने समय से ही अपनी सुंदरता और सेहत के लिए सजग रहती आई हैं. लेकिन, आज जैसे बाजार में एक से बढ़कर एक ब्रांड के कॉस्मेटिक निकल गए हैं, ऐसा 50-60 साल पहले नहीं था. अब सवाल उठता है कि तब की महिलाएं अपनी सुंदरता का ध्यान कैसे रखती थीं. इस बात का जवाब 60 वर्ष सुचित्रा देवी ने दिया. बताया कि उस दौर में दादी-नानी के नुस्खे काम आते थे.
सुचित्रा देवी ने बताया कि जब उनकी जवानी के दिनों में लोग क्रीम-पाउडर नहीं लगते थे, बल्कि नहाने के बाद शुद्ध सरसों का तेल बदन में लगते थे. मुल्तानी मिट्टी का चेहरे पर लेप लगाते थे. खाने-पीने की बात करें तो उसे समय लोग बाजरा, जवा, रागी एवं कुलथी को पीसकर रोटी बनाया करते थे. घर में हाथों से उगाया चावल-दाल एवं सब्जियां खाते थे. इसके कारण तब के समय के लोगों के शरीर आज के लोगों की तुलना में ज्यादा मजबूत और सेहतमंद हैं.
जंक फूड नहीं था उस समय
आगे बताया, मेला-बाजार में जब भी हम लोग निकलते थे तो बाहर सिर्फ जलेबी, मिठाई या पान खाया करते थे. इसके अलावा, तब किसी भी प्रकार का चाट, चाऊमीन या समोसा नहीं हुआ करता था. वहीं, कपड़ा धोने के लिए लोग खास तरह की मिट्टी जिसे ऊस कहा जाता है का इस्तेमाल करते थे. सुचित्रा देवी ने बताया कि आज के दिनों से अच्छा पहले के दिन थे, जहां लोग एक-दूसरे से प्यार मोहब्बत से रहते थे. वहीं, खाना पीना भी काफी ज्यादा पौष्टिक हुआ करता था. आज तो बाजार में सिर्फ मिलावट का ही सामान देखने को मिलती है जो कि शरीर के लिए काफी ज्यादा हानिकारक होता है.
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FIRST PUBLISHED : February 12, 2024, 11:03 IST