6 साल पुराने केस में लालू प्रसाद यादव को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने RJD सुप्रीमो को किया बरी, जानें पूरा मामला

पटना. राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को मानहानि के एक मामले में बड़ी राहत मिली है. पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में राजद सुप्रीमो को बरी करने का आदेश दिया है. दोनों पक्षों की तरफ से अदालत में समझौता पत्र दाखिल किए जाने के बाद कोर्ट द्वारा यह फैसला सुनाया गया है. मामला साल 2017 का है.

लालू प्रसाद यादव ने भागलपुर में एक रैली के दौरान सेवानिवृत अधिकारी और शिक्षाविद उदय कांत मिश्रा का नाम सृजन घोटाला से जोड़ा था. उस समय बिहार में एनडीए की सरकार थी और लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी कई आरोप लगाए थे. पटना की एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते हुए राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को इस केस से बरी कर दिया गया है. बताया जाता है कि शिकायतकर्ता और शिक्षाविद उदय कांत मिश्रा सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से समझौता पत्रक अदालत में दायर किया गया.

अब राजद अध्यक्ष को इसके से छुटकारा मिल गया है. दरअसल 2017 में लालू प्रसाद यादव ने भागलपुर में एक जनसभा में अपने संबोधन में उदयकांत मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे. अपने संबोधन में लालू प्रसाद यादव ने उदय कांत मिश्रा पर सृजन घोटाला के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब भी भागलपुर जाते हैं, वो उदयकांत मिश्रा के आवास पर ठहरते हैं.. इसी बयान को लेकर उदयकांत मिश्रा ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई और मानहानि का केस दायर कर दिया.

एमपी एमएलए कोर्ट ने गवाहों के बयान और सबूत के आधार लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मानहानि का केस चलाने की अनुमति दे दी थी. कोर्ट के फैसले के बाद लालू प्रसाद यादव को राहत मिली है.

Tags: Bihar News, Lalu Prasad Yadav

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