53 साल की महिला Microsoft के AI Tools को सिखाती हैं मराठी, हर घंटे की कमाई जान रह जाएंगे दंग

53 साल की महिला Microsoft के AI Tools को सिखाती हैं मराठी, हर घंटे की कमाई जान रह जाएंगे दंग

माइक्रोसॉफ्ट के AI Tools को मराठी सिखाती हैं ये 53 साल की महिला.

Microsoft AI Tools: ये कहना गलत नहीं होगा कि, AI के आने से कई लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आया है. देखा जाए तो धीरे-धीरे ही सही, लेकिन एआई का साम्राज्य फैलता जा रहा है. डे टू डे लाइफ की समस्याओं का समाधान करने के अलावा एआई नए आइडियाज को भी एक पहचान दे रहा है. देखा जाए तो अब AI का काम सिर्फ इमेज (Image) और (Video) जनरेशन  तक सीमित नहीं है. Microsoft AI टूल्स को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उनकी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है. हाल ही में महाराष्ट्र की एक ऐसी ही 53 साल की महिला की आवाज से AI को मराठी सिखाई जा रही है, जिसके लिए उन्हें 400 रुपए प्रति घंटा का भुगतान किया जा रहा है.

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पुणे की महिला AI को सीखा रही हैं मराठी (woman teaching marathi to ai)

दरअसल, महाराष्ट्र की 53 वर्षीय इस महिला का नाम राजाराम बोकाले है, जो कि मसाले पीसने का अपना छोटा सा बिजनेस चलाती हैं और अब माइक्रोसॉफ्ट के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल को मराठी (Marathi) सिखाने का काम भी कर रही हैं, जिसके चलते वह हर घंटे 5 डॉलर रुपये कमा रही हैं. बताया जा रहा है कि, उन्हें अपनी आवाज रिकॉर्ड करना काफी पसंद है. बता दें कि, राजाराम बोकाले ‘सोशल इंपेक्ट ऑर्गनाइजेशन’ की मेंबर भी हैं, जिन्होंने मराठी में माइक्रोसॉफ्ट के एआई मॉडल को ट्रेंड करने के लिए कंपनी के साथ साझेदारी की है.

कंपनी ने इस तरह की तारीफ (Woman Teaching Ai)

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ब्लॉग में राजाराम बोकाले का जिक्र करते हुए बताया कि, कैसे दिनभर के काम के बाद वो पालती मार के बिस्तर पर बैठ जाती हैं और फिर अपना फोन खोलकर अपनी साफ आवाज में मराठी में जानकारियां रिकॉर्ड करती हैं. ये भी बताया गया कि, राजाराम बोकाले (Rajaram Bokale) ‘सोशल इंपेक्ट ऑर्गनाइजेशन’ की मेंबर हैं, जो माइक्रोसॉफ्ट के एआई मॉडल को टूल को मराठी सिखाने का काम कर रही हैं. आगे ब्लॉग में लिखा गया कि, हिंदी और अंग्रेजी न आने पर लोगों को तकनीक का इस्तेमाल करने में दिक्कतें आती हैं, जिसके कारण टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पाना बेहद मुश्किल भरा काम हो जाता है. इसी समस्या को सुलझाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (artificial intelligence) टूल को अन्य भाषाओं में भी पारंगत करना चाहते हैं, ताकि इसका फायदा हर शख्स हो सके.

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