50 फीसद सोयाबीन की फसलें हुईं जलमग्न, निराश किसानों को अब सरकार का सहारा

शादाब चौधरी/मंदसौर. समूचे अंचल में समय पर बारिश नहीं होने के चलते किसानों को सोयाबीन की फसलों में काफी नुकसान होता नजर आ रहा है. फिलाहल सोयाबीन की फसलों को खेतों से निकलने का काम चल रहा है लेकिन अत्यधिक बारिश होने के चलते खेतों में पानी भरने लगा है. पहले बारिश का ना होना और अब अत्यधिक बारिश होने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. जिलेभर सबसे अधिक खेती सोयाबीन की होती है लेकिन इंद्रदेव की नाराजगी ने किसानों को संकट में डाल दिया है.

मंदसौर जिले में बादलों ने बरसने में काफी देरी दिखाई यही वजह है कि किसानों की फसलें बर्बाद होने की कगार पर है. आपको बता दें कि मन्दसौर जिले में सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर होती है जानकारी के मुताबिक सोयाबीन का रकबा लगभग 3 लाख 32 हज़ार 640 हेक्टेयर है. किसानों के दावों के मुताबिक 50 फ़ीसदी सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है तो वहीं कृषि विभाग अधिकारी से प्राप्त हुए सरकारी आंकड़े 20 फ़ीसदी ही नुकसान दर्शा रहे हैं. हालांकि, फसलों के सर्वे का कार्य अभी भी जारी है हो सकता है आने वाले दिनों में सरकारी आंकड़ों में बदलाव नज़र आए.

 मजदूरी निकलना भी मुश्किल
फिलहाल किसान सोयाबीन काटकर फसलों को समेटने में लगे हैं किसानों का कहना है कि समय पर बारिश नहीं होने से सोयाबीन की फसल में काफी नुकसान हुआ था, अब अत्यधिक बारिश हुई तो सूखी हुई सोयाबीन की फसलों में भी नुकसान झेलना पड़ रहा है. सोयाबीन की फसलों की बुआई जून – जुलाई में होती है तो वहीं, सितंबर-अक्टूबर के महीने में सोयाबीन की फसल खेतों से निकाली जाती है. किसानों के मुताबिक अभी जो फसलों की कटाई हो रही है उसमें लगने वाले मजदूरों के रुपए भी निकलना मुश्किल है तो वहीं कम बारिश होने की वजह से फसल में दाने भी छोटे-छोटे हुए हैं. पर्याप्त बारिश में एक बीघा से लगभग 5 बोरी सोयाबीन निकलती है लेकिन इस बार बारिश कम होने के चलते एक बीघा से डेढ़ से 2 बोरी सोयाबीन ही निकल पा रही है.

बारिश नहीं तो पैदावार नहीं
पिछले दिनों मंदसौर जिले के धुंधडका से एक तस्वीर सामने आई थी जिसमें एक किसान ने अपनी ही सोयाबीन की फसल पर ट्रैक्टर से हंकाई कर दी थी करीब 5 बीघा की सोयाबीन फसल पर रोटावेटर चला दिया था. उस वक़्त किसान अशोक धाकड़ का कहना है कि आगे भी बारिश नहीं होगी तो पैदावार नहीं होगी और फसल कटाई का खर्च अधिक आएगा इसलिए रोटावेटर चला दिया.

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