सच्चिदानंद, पटना. राजधानी पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में बिहार और मुम्बई के बीच रणजी का मुकाबला चल रहा है. बिहार विभाजन के बाद पहली बार बिहार की टीम इलीट ग्रुप में रणजी खेल रही है जहां इसका सामना रणजी के धुरंधर टीम से हो रहा है. आज के इस मुकाबले में बिहार की टीम टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी कर रही है.
आशुतोष अमन की कप्तानी में बिहार रणजी टीम में एक ऐसा खिलाड़ी है जिसने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से भी कम उम्र में फर्स्ट क्लास डेब्यू किया. आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुंबई के लिए 15 साल की उम्र में खेला था, लेकिन आज हम जिस धाकड़ बल्लेबाज के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसकी उम्र सचिन तेंदुलकर से भी कम है और अब वह बिहार की टीम का ट्रंप कार्ड बनकर इस रणजी टूर्नामेंट में सामने आ सकता है.
5 साल की उम्र से लगातार करता है प्रैक्टिस
समस्तीपुर के ताजपुर का क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी मात्र 12 साल 284 दिन की उम्र में बिहार रणजी ट्रॉफी में खेल कर रिकॉर्ड बनाया है. इसकी विस्फोटक पारी देख हर कोई दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो जाता है. वैभव समस्तीपुर के ताजपुर निवासी श्री उमेश प्रसाद सिंह का पौत्र और पूर्व क्रिकेटर संजीव सूर्यवंशी के द्वितीय पुत्र है.
पिता संजीव बताते हैं कि शुरुआत के 2 साल वैभव को घर में प्रैक्टिस करवाता था. शुरू से वैभव लेदर बॉल से प्रैक्टिस करता आया है. पांच साल की उम्र से वैभव ने सीखना शुरू कर दिया. दिन भर प्रैक्टिस करता है. सुबह एक घंटे ट्यूशन जाने के बाद लगातार दिनभर प्रैक्टिस करता रहता है. दोपहर में दो घंटे आराम करता है और फिर से प्रैक्टिस में लग जाता है.
वैभव मात्र 5 साल की उम्र से ही क्रिकेट सीखना शुरू कर दिया था. उसकी बल्लेबाजी की तकनीक और स्टाइल को देखने वाले तुरंत प्रभावित हो जाते हैं. मात्र 10 साल में ही बड़े-बड़े मैचों और टूर्नामेंट में वैभव ने शतक और अर्धशतक लगाना शुरू कर दिया. इतनी छोटी सी उम्र में वैभव के नाम कई रिकार्ड दर्ज हैं.
एक साल में 49 शतक और 3 दोहरा शतक लगाकर खींचा ध्यान
वैभव के पिता बताते हैं कि वैभव पिछले एक साल में बिहार के बड़े बड़े टूर्नामेंट में 49 शतक और 3 दोहरा शतक लगाकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. इसके अलावा पिछले साल हुए बिहार के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट हेमन ट्रॉफी में मात्र 13 साल की उम्र में वैभव ने लीग और सुपर लीग मिलाकर सबसे ज्यादा 670 रन बनाया जिसमें 3 शतक और 3 अर्धशतक शामिल थे.
पिता संजीव सूर्यवंशी बताते हैं कि वैभव के कोच पूर्व रणजी खिलाड़ी मनीष ओझा और इसकी मां का बहुत बड़ा सहयोग है. परिवार की तरफ से हमेशा से पूरा सहयोग रहा है. वैभव का सारा ध्यान क्रिकेट की प्रैक्टिस में ही रहता है.
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FIRST PUBLISHED : January 5, 2024, 15:43 IST