धीरेंद्र चौधरी/रोहतक. हरियाणा की बेटियां आज हर क्षेत्र में देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं. खेलों की बात करें तो सबसे पहले हरियाणा की बेटियों का ही नाम सबसे पहले आता है. इसी कड़ी में रोहतक की बेटी सुहाना सैनी ने एक बार फिर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है.
सुहाना एक बार फिर टेबल टेनिस के अंडर-19 डबल्स में कर्नाटक की यशस्विनी घोरपड़े के साथ लगातार दूसरी बार दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनी हैं. रोहतक की बेटी सुहाना सैनी 2015 से विश्व स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. महज पांच वर्ष की उम्र से टेबल टेनिस की शुरुआत करने वाली सुहाना अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 51 और राष्ट्रीय स्तर पर 56 मेडल जीत चुकी हैं. उनका लक्ष्य 2028 में ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतना है और वह उसी की तैयारी में लगी हुई है.
5 साल से चेन्नई में कर रही ट्रेनिंग
सुहाना पिछले 5 साल से चेन्नई में ट्रेनिंग कर रही हैं और अभी अपने घर रोहतक में आई हुई हैं. पिछले सप्ताह इंटरनेशनल टेबल टेनिस फेडरेशन ने टॉप रैंकिंग खिलाड़ियों की सूची जारी किया है . जिसमें अंडर-19 डबल्स में सुहाना और यशस्विनी दुनिया में नंबर वन खिलाड़ी बन कर सामने आई है. यह दूसरा मौका है जब इन दोनों भारतीय खिलाड़ियों ने नंबर वन रैंक पर पहुंचकर देश का नाम दुनिया भर में रोशन किया है .
अंडर-19 में भारत की नंबर वन खिलाड़ी
सुहाना का कहना है कि उसके लिए टेबल टेनिस ही सब कुछ है और इसके लिए परिवार से दूर भी रहना पड़ रहा है. लेकिन जब टूर्नामेंट जीतते हैं तो बहुत ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा आती है. सिंगल चाइल्ड होने के कारण मां-बाप मुझे बहुत ज्यादा मिस करते हैं. लेकिन जब मैं वापस घर आती हूं तो हम खूब मस्ती करते हैं. फिलहाल सुहाना अंडर-19 में भारत की नंबर वन खिलाड़ी हैं और दुनिया भर में उसकी 28वीं रैंक है. सुहाना ने बताया कि ताजा वर्ल्ड रैंकिंग में वे और यशस्विनी टॉप पर पहुंचे हैं इससे पहले भी 2022 में उन दोनों की जोड़ी पहले स्थान पर आ चुकी है.
माता-पिता रह चुके हैं राष्ट्रीय स्तर के टेनिस खिलाड़ी
सुहाना की मां भावना सैनी और पिता विकास सैनी भी राष्ट्रीय स्तर के टेनिस खिलाड़ी रह चुके हैं और फिलहाल उनकी मां टेबल टेनिस की अकादमी भी चलाती हैं. भावना ने बताया कि सुहाना जब छोटी-सी थी. तभी से उसने टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया था. पहले यह घर में खेलती थी, फिर इसको एकेडमी लेकर जाने लगी, जहां पर खुद ही इसको ट्रेनिंग दी. जब लगा कि यह और बेहतर कर सकती है तो इसे हमने आर. राजेश सर के पास ट्रेनिंग के लिए चेन्नई भेज दिया. वह हमारे दोस्त भी हैं और एक तरह से सुहाना के अभिभावक की तरह हैं. सुहाना हमारी इकलौती संतान है, जब शुरुआत में इसे भेजा था तो कुछ वक्त परेशानी हुई थी. लेकिन अब सब सामान्य है और उम्मीद है कि एक दिन वह ओलंपिक में देश का नाम रोशन करेगी.
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FIRST PUBLISHED : September 16, 2023, 18:21 IST