5 एजेंसियां, 5 अलग-अलग रास्ते, जानें सुरंग से मजदूरों को निकालने का नया प्लान

नई दिल्ली: एक हफ्ते से अधिक समय से 41 मजदूर उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे हुए हैं. बता दें कि रविवार 12 नवंबर को, सिल्क्यारा सुरंग परियोजना ढह गई, इसमें 41 मजदूर सुरंग में फंस गए. केंद्र सरकार ने कल (रविवार) कहा कि उसने उन्हें बचाने के लिए पांच-विकल्पों वाली कार्य योजना को अंतिम रूप दिया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि पांच अलग-अलग एजेंसियां ​​इन विकल्पों पर काम करेंगी, जिसमें फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए तीन तरफ से ड्रिलिंग शामिल है. उन्होंने कहा, ”सरकार ने बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए सभी मोर्चों पर काम करने का निर्णय लिया है.” अनुराग जैन ने कहा कि यह निर्णय एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया जहां विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर विभिन्न विकल्पों की जांच की गई.

5 अलग-अलग एजेंसियों को सौंपा गया जिम्मा 
परिवहन और राजमार्ग सचिव ने कहा, “पांच विकल्प तय किए गए और इनको पूरा करने के लिए पांच अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मा सौंपा गया. पांच एजेंसियों तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल), रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), और टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसीएल) को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.” जैन ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारतीय सेना की निर्माण शाखा भी बचाव अभियान में सहायता कर रही है.

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क्या हैं पांच विकल्प…
1. फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग.
2. सीमा सड़क संगठन द्वारा केवल एक दिन में एक एप्रोच रोड पूरा करने के बाद रेल विकास निगम ने आवश्यक आपूर्ति के लिए एक और वर्टिकल पाइपलाइन पर काम शुरू कर दिया है.
3. गहरी ड्रिलिंग में विशेषज्ञता रखने वाली ओएनजीसी ने दूसरे छोर से वर्टिकल ड्रिलिंग पर काम शुरू कर दिया है.
4 . राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निकाय सुरक्षा व्यवस्था पर काम करने के बाद मुख्य सिल्क्यारा छोर से ड्रिलिंग जारी रखेगा. इसकी सुविधा के लिए सेना ने बॉक्स पुलिया तैयार की है. मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक केनोपी का ढांचा बनाया जा रहा है.
5. टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन माइक्रो टनलिंग पर काम करेगा, जिसके लिए भारी मशीनरी पहले ही जुटाई जा चुकी है.

श्रमिकों के साथ नियमित बनाए हुए हैं बचाव दल 
गौरतलब है कि फंसे हुए मजदूरों को भोजन और दवाओं की आवश्यक आपूर्ति प्रदान की जा रही है. बचाव दल श्रमिकों के साथ नियमित संचार बनाए रख रहे हैं, यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनका उत्साह बरकरार रहे और उनकी आशा जीवित रहे. थाईलैंड और नॉर्वे की विशिष्ट बचाव टीमें, जिनमें 2018 में थाईलैंड की एक गुफा में फंसे बच्चों को सफलतापूर्वक बचाने वाली टीम भी शामिल है, चल रहे बचाव अभियान में सहायता के लिए शामिल हो गई हैं.

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