वर्ल्ड कप में इंडिया और साउथ अफ्रीका मैच. 326 रन का टार्गेट देने वाली टीम इंडिया ने टूर्नामेंट में पहली बार बॉलिंग ऑर्डर में परिवर्तन किया. रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव से पहले बॉलिंग करने आते हैं… उनकी लेग स्टंप पर पड़ी गेंद पर तेंबा बावूमा चूक जाते हैं… जडेजा, केएल राहुल और रोहित एलबीडब्लू की अपील करते हैं. अंपायर को बॉल लेग स्टंप से बाहर जाती लगती है और वे नॉट आउट करार देते हैं… केएल राहुल और जडेजा की मांग पर डीआरएस लिया जाता है, जिसके बाद अंपायर का डिसीजन बदलता है और बावूमा आउट करार दिए जाते हैं… रोहित, राहुल, जडेजा बाकी प्लेयर्स के साथ गले मिलकर जश्न मनाते हैं… लेकिन इन सबसे ज्यादा उत्साही इनके पीछे खड़ा एक प्लेयर दिखता है. वो अपने स्टाइल में चीखता है. हाथों को जमीन पर पंच मारने के स्टाइल में दो बार झटकता है और फिर बाकी प्लेयर्स के साथ जश्न में शामिल हो जाता है. वह हैं विराट कोहली. वही विराट जो इसी मैच में ‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के शतकों की बराबरी करते हैं. 49 शतकों की बराबरी.
साल 2008 में 175 नंबर के कैप के साथ 21 साल की उम्र में भारतीय टीम में आए विराट कोहली, सचिन से 175 पारी कम खेलते हुए 49 शतकों के इस आंकड़े तक पहुंचे. वो प्लेयर जो कुछ घंटे पहले बल्लेबाजी करते हुए गेंद को चारों तरफ मार रहा था, और बाद में ग्राउंड पर विकेट टेकर बॉलर की तुलना में ज्यादा उत्साही होकर जश्न मना रहा था, वो मैच के बाद सचिन का नाम आने पर भावुक हो जाता है.

विराट कोहली जब साल 2008 में अपना पहला वनडे मैच खेलने उतरे, तब न तो उन्होंने और न ही किसी क्रिकेट प्रशंसक ने ऐसा सोचा होगा कि ये प्लेयर कभी सचिन के रिकॉर्ड्स को तोड़ देगा. किसी ने नहीं सोचा था कि कैप नंबर 175 की तुलना कैप नंबर 74 से होगी… किसी ने नहीं सोचा था कि जर्सी नंबर 33, 99 से होते हुए 10 नंबर की जर्सी को आइकॉनिक बनाने वाले शख्स के मील के पत्थर वाले कीर्तिमान को 18 नंबर की जर्सी वाला एक लड़का उनसे कम इनिंग में ही हासिल कर जाएगा.
2008 में आए विराट ने पहला शतक 2009 में ही लगा दिया था, जबकि साल 1989 में आए सचिन ने पहला शतक 1994 में मारा था. 49 वनडे शतक तक पहुंचने के लिए सचिन ने 452 पारी खेली, लेकिन विराट ने सिर्फ 272 पारी खेली. मैच के बाद एक ट्वीट में सचिन कहते हैं, ‘मुझे 49 से 50 तक पहुंचने में 365 दिन लग गए. मुझे भरोसा है कि कि आप बहुत जल्द पहुंच जाएंगे.’
विराट के प्रति क्रिकेट के महानायक का ये भरोसा यूं ही नहीं बना होगा. वो 2008 से 2012 तक उनके साथ खेल चुके हैं. ग्राउंड पर सचिन, सचिन के नारों के बीच वो विराट को मैदान के चारों तरफ शॉट्स मारते देख चुके हैं. जिन शॉट्स को मारकर सचिन की आंखों में चमक आती होगी, वैसे ही शॉट्स वो नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े होकर विराट को लगाते देख चुके हैं. इस लंबे सफर के बाद ही ये भरोसा पैदा हुआ होगा. और जब सचिन में ये भरोसा बन सकता है तो देश के करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों के दिल में बनना लाजिमी है.
विराट कोहली करीब 16 साल से भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं. सचिन, सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़, लक्ष्मण, धोनी, युवराज, सहवाग, रोहित जैसे बड़े स्ट्रेचर के बल्लेबाजों के साथ खेलते हुए अपनी एक जगह बनाई है. वे 35 साल की उम्र में भी 21 साल वाले ही विराट लगते हैं. उतने ही फिट, उतनी ही उर्जा से भरे हुए. रन बनाने की भूख भी उतनी ही दिखती है और मैच जीतने के बाद चेहरे की मुस्कान भी वैसी ही उभरती है.
इस महानतम प्लेयर ने अपनी बल्लेबाजी, फिटनेस और व्यक्तित्व से वो लंबी लाइन खींची है, जो क्रिकेट ही नहीं, दूसरे फील्ड के लोगों के लिए भी एक मिसाल है. बल्लेबाजी में वो जो क्रिकेट के तमाम मानकों पर खरे उतरते हुए अपनी स्किल से इस मुकाम तक पहुंचे हैं, जहां पहुंचना लोगों का ख्वाब होगा. अब जबकि विराट खुद कह रहे हैं कि उनके हीरो से उनकी तुलना न की जाए तो हमें कोई अधिकार नहीं. लेकिन, आंकड़े तो खाली स्थान भरते ही हैं. और, आंकड़ों में विराट कोहली ने क्रिकेट इतिहास में एक बड़ी जगह बना ली है…
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Tags: Garv Ke Pal, Sachin tendulkar, Virat Kohli, World cup 2023
FIRST PUBLISHED : November 6, 2023, 21:01 IST