44 साल से बरकरार इस चीज का जादू…सिर्फ एक गिलास में हो जाता है नाश्ता पूरा

आदित्य आनंद/गोड्डा. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर आप अपनी ड्यूटी जाते वक्त सुबह  नाश्ता करना भूल जाते हैं. वहीं इस गर्मी के मौसम में अगर आप सुबह नाश्ता कर नहीं निकलते हैं तो भीषण गर्मी और धूप की तपिश से आपकी तबीयत भी खराब हो सकती है. ऐसे में गोड्डा में अशोक स्तंभ के समीप मिलने वाला चना सत्तू का शरबत लोग खूब पसंद करते हैं और लोगों की भीड़ यहां लगी रहती है. लोग यहां के सत्तू का शरबत पीकर दोपहर तक निश्चित रहते हैं.

चना सत्तू स्वादिष्ट के साथ- साथ पौष्टिक भी है, जो आपको गर्मी से बचाता है और पेट की पाचन शक्ति को भी मजबूत करता है. सत्तू बचने वाले मटरू साह ने बताया कि वह इस जगह पर सन 1980 यानी की 44 वर्षों से चना सत्तू का शरबत बेचते आ रहे हैं और रोजाना हजारों ग्राहक उनकी दूकान में सत्तू पीते हैं. वह रोज सुबह 7 बजे से शाम के 4 बजे तक अपनी दुकान लगाते हैं. जहां छोटा ग्लास 15 रुपए और बड़ा ग्लास 20 रुपए होता है.

सत्तू बचने वाले मटरू साह ने बताया कि पहले वह खुद दुकान करते थे, लेकिन अब उनके दोनों बेटे और वह कुल तीन दुकान अशोक स्तंभ के समीप लगाते हैं और लोग उनकी दुकान का शरबत इस वजह से पसंद करते हैं, क्योंकि वह शुद्ध चने के सत्तू का शरबत पिलाते हैं जो कि वह खुद घर में तैयार करते हैं.

ऐसे बनाते हैं सत्तू का शरबत
सत्तू के शरबत में वह सेंधा नमक, काला नमक, बारीक कटी प्याज, बारीक कटी हरी मिर्च, भुना हुआ जीरा पाउडर, धनिया, पुदीना और टमाटर की चटनी, नींबू मिलाते हैं. जिससे शरबत काफी स्वादिष्ट लगता है. शरबत पीने के बाद इस सत्तू को अच्छे से पचाने के लिए विशेष पानी भी दिया जाता है, जो नींबू, भुना जीरा और भुने हुए अजवाइन से मिलाकर बनाया जाता है.

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