दीपक पाण्डेय/खरगोन.मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की पर्यटन एवं धार्मिक नगरी महेश्वर में पेशवा मार्ग पर अहिल्या फोर्ट की दीवार से सटे लगभग 400 वर्ष पुराने चिंतामण गणेश मंदिर में पहली बार भक्त भगवान के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. वजह है कि मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
अब आपके मन में भी कई सवाल उठ रहे होंगे की आखिर इतने वर्षो में अचानक ऐसा क्या हुआ जो भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और कब तक यह प्रतिबंध लगा रहेगा. तो चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह, लेकिन इससे पहले यह जान लेते हैं कि इस मंदिर की खासियत क्या है और क्यों ये मंदिर प्रसिद्ध है.
अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था निर्माण
बता दें की होलकर स्टेट की महारानी लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर द्वारा महेश्वर को होलकर स्टेट की राजधानी बनाई गई थी. यहीं से वह अपना शासन चलाती थी. राजधानी बनाने के पहले उन्होंने नर्मदा नदी के तट पर विशाल किले का निर्माण कराया. लेकिन कहते है ना की हर शुभ काम के पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. जिससे सभी काम सफल हो सके.
ऊंची पहाड़ी पर है विराजमान
इसीलिए किला निर्माण के पहले अहिल्या बाई होलकर ने भगवान गणेश का मंदिर बनवाया. यह मंदिर चिंतामण गणेश मंदिर कहलाया. मंदिर में भगवान गणेश अपनी दोनों पत्नियों रिद्धी – सिद्धि के साथ विराजमान है. ऊंची पहाड़ी पर विराजमान भगवान गणेश के दर्शन के लिए सैकड़ो सीढ़िया चढ़ कर पहुंचना पड़ता है. मान्यता है की यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. मन्नत लेते समय उल्टा स्वास्तिक बनाया जाता है., मन्नत पूरी होने पर स्वास्तिक सीधा करते है.
इसलिए लगाया प्रतिबंध
गणेश उत्सव के दौरान मध्यप्रदेश ही नहीं अन्य राज्यों से भी भक्त बप्पा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते है. परंतु अब उत्सव के दौरान यहां आने वाले भक्तों को बिना दर्शन किए ही लौटना पड़ रहा है. दरअसल, विगत दिनों भारी बारिश और नर्मदा नदी में आई बाढ़ की चपेट में आने से मंदिर से लगी मिट्टी खिसक गई है, किले की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई. दीवार के बड़े – बड़े पत्थरों और मलबे से मंदिर के रास्ते सहित मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा है. यही वजह है की भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भक्तों के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया दिया गया है.
निर्माण के बाद मिलेगी छूट
वहीं इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम अनिल जैन ने बताया की बाढ़ की वजह से मंदिर के नीचे की किट्टी खिसक कर बह गई है, जिससे ऊपरी हिस्सा खतरनाक स्थिति में आ चुका है. कोई जनहानि ना हो इसलिए अभी भक्तों के प्रवेश पर रोक लगाई है. पूजा के लिए सिर्फ पुजारी को अनुमति दी गई है. इस संबध में अहिल्या जी के ट्रस्ट को सूचना दी गई है. नगर परिषद को भी निर्देश दिए है. तत्काल स्टीमेट तैयार करें ताकि निर्माण कार्य करके पुनः भक्तों का आवागमन शुरू किया जा सके.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 10:01 IST