गौरव सिंह/भोजपुर. बिहार में शिक्षकों का सरकार से विवाद पुराना रहा है, लेकिन इस बार छठ पूजा में शिक्षकों के साथ तालीमी मरकज के टोला शिक्षक का विवाद थोड़ा सवेंदनशील दिख रहा है. इनका सीधा एक ही सवाल है कि ड्यूटी करें या छठ? वहीं जब छुट्टी रद्द करने को लेकर डीईओ से बात की गई तो उन्होंने इसे विभागीय आदेश बताया. साथ ही ड्यूटी करने की नसीहत दी गई.
छठ महापर्व में शिक्षकों के साथ टोला सेवको की छुट्टी रद्द होने के बाद सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरूष टोला सेवक जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यलय पहुंच अधिकारी से गुहार लगाई की उनकी छुट्टियों को रद्द ना किया जाय. इन सबका कहना है कि छठ व्रत करना बहुत ही कठिन होता है. 36 घंटा बिना पानी के व्रत करना पड़ता है और ड्यूटी के साथ छठ करना असंभव है. इसलिए छुट्टी को रद्द किया जाय. लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने वेतन काटने की धमकी भी दी है.
टोला सेवकों ने बताया क्या है परेशानी
टोला सेवक वंदना कुमारी किरण कुमारी और अशोक चौधरी ने बताया कि हम सभी हर साल छठ करते है. अगर घर में पूरे साल खुशी रहती है, तो कोई भी इस महापर्व को छोड़ना नहीं चाहता हैं? क्योंकि ये ऐसे भगवान का व्रत है जो साक्षात दर्शन देते हैं. हमारे यहां इस बार सब कुछ कुशल मंगल है और परिवार के साथ छठ व्रत करने का प्लान बना है, लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा पत्र जारी कर छठ की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है. जिसके वजह से हम सब परेशान है.महिला कर्मियों को और ज्यादा परेशानी है. क्योंकि हमें नहाय खाय से ले कर खरना और गेंहू धोना सुखाना, डाल दौरा सजाना हर चीज करना होता है. इसलिए हमलोग समझ नही पा रहे है कि छठ करें या ड्यूटी.
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FIRST PUBLISHED : November 16, 2023, 12:45 IST