कैऋचा धीमान/कैथल. थल शहर में चाट के शौक़ीन लोगों के लिए कई ठिकाने है लेकिन शहर के मेन बाजार में बृजवासी की टिक्की का स्वाद चखने दूर दूर से लोग यहां आते है. 35 साल पहले राजस्थान से आकर दीनदयाल शर्मा द्वारा टिक्की की दुकान शुरू की गई थी लेकिन अब दूसरी पीढ़ी इसे चला रही है. दीनदयाल शर्मा का तो देहांत हो गया है लेकिन उनके तीन पुत्रों ने पिता की इस विरासत को संभाला और लोगों को आज भी वही स्वाद उपलब्ध करवा रहे हैं जो उस वक्त होता था. हालांकि, बृजवासी की टिक्की की कीमत 35 साल पहले मात्र 2 रुपये थी लेकिन अब जैसे जैसे समय बदला अब वह टिक्की 30 रुपये की हो गयी परन्तु इसका स्वाद ज्यों-का त्यों है. बृजवासी की टिक्की का 35 साल का स्वाद ही है जो लोगों को दूर दूर से आकर चखने पर मजबूर कर देता है. हर शाम दुकान पर टिक्की खाने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है. टिक्की के साथ-साथ गोलगप्पे और दही भल्ले का स्वाद भी यहां पर नायाब है. अगर आप इस दूकान के पास से गुजरेंगे तो खाये बिना नहीं रह पाएंगे.
ये है इनकी टिक्कियों में खासियत
सबसे पहले आलू को उबाला जाता है और फिर मटर व मोटे चने को उबाल कर छोले तैयार किए जाते हैं. आलू को उबालने के बाद उसे पीसा जाता है. आलू की टिक्की को घी में तला जाता है. हरी चटनी में टमाटर व हरा धनिया व हरी मिर्च काटकर मिलाई जाती है. बारीक कटी प्याज व टमाटर से टिक्की को सजाया जाता है. उसके बाद जो दही खाने के शौकीन है उनके हिसाब से दही डाली जाती है. उसके बाद इन्ही के द्वारा बनाई गई मीठी चटनी टिक्की में डाली जाती है तभी टिक्की का स्वाद लाजवाब होता है. इनकी खासियत ये है कि ये सब चीजे खुद तैयार करते हैं ना की चटनी या सॉस बाज़ार से लाते हैं. इनकी टिक्की थोड़ी क्रिस्पी है और पापड़ी डालकर और भी ज्यादा जायकेदार बन जाती है. जैसा की ये दूकान टिक्की की वजह से मशहूर है लेकिन इनकी दूकान पर दही भल्ले व गोलगप्पे का स्वाद भी लाजवाब है. ये चीजे भी दीनदयाल शर्मा ने लगभग 35 साल पहले शुरू की थी लेकिन इनकी टिक्की ख़ास है जिसकी वजह से बृजवासी जाने जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 02, 2023, 18:38 IST