35 सालों से राम मंदिर आंदोलन में रहे सक्रिय, अब प्राण प्रतिष्ठा का मिला निमंत्रण, तो खुशी से झूम उठे यह संत

मोहन प्रकाश/सुपौल. अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो चुका है. प्राण प्रतिष्ठा में महज 5 दिन शेष बचे हैं. इसमें शामिल होने के लिए सुपौल जिले के छह संतों को ट्रस्ट की ओर से विशेष निमंत्रण मिला है. इसमें सुपौल सदर प्रखंड अंतर्गत कर्णपुर स्थित बाबा पीठ के संत साधनानंद भी शामिल हैं. जो 19 जनवरी को अयोध्या रवाना होंगे. इसको लेकर संत साधनानंद बताते हैं कि वर्ष 1989 से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े हैं. तभी से ही विश्व हिन्दू परिषद से भी जुड़े हैं. वर्तमान में वो केंद्रीय सलाहकार मंडल के सदस्य हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का विशेष निमंत्रण श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मिला है.

उन्होंने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित जीवेश्वर मिश्र ने उनको संगठन से जोड़ा था. वे हमारे गुरुदेव हैं. उन्हीं के सानिध्य में आए और इस कार्य में लग गए. चाहे वह राम मंदिर आंदोलन हो या गंगा आंदोलन हो. जो स्वप्न हमलोगों ने देखा था. वह अब पूरा होने जा रहा है. इससे हम सभी सनातनी बहुत खुशी महसूस कर रहे हैं. हम लोग 19 जनवरी को ट्रेन से अयोध्या रवाना होंगे.

उम्मीद नहीं थी की जीते जी देखूंगा मंदिर
वे बतातें है कि वर्ष 1989 में दीक्षा ली थी. उसके बाद राम मंदिर के शिलापूजन में भी शामिल हुआ. इसके बाद विश्व हिन्दू परिषद से जुड़ा जो भी दायित्व मिला, उसे निभाया. चारो कुंभ गया हूं. वर्ष 1996 में गंगा जागरण संरक्षण यात्रा में भी शामिल हुआ. गंगा त्रिमूर्ति का भार मेरे ही जिम्मे था. अब अयोध्या जाने वाला हूं. उन्होंने बताया कि लोग कमेंट करते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे, लेकिन आज वह घड़ी आ गई है. रामलला का प्राण प्रतिष्ठा होगा. उन्हें भी उम्मीद नहीं थी कि जीते जीरामलला अपने मंदिर में विराजमान होंगे. लेकिन सौभाग्य की बात है कि अपने जीवन काल में ही यह सब देख रहा हूं.

Tags: Ayodhya, Local18, Ram Mandir

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