3400 साल पुरानी ममीज़ के साथ मिली ‘मृतकों की किताब’ जानें रोंगटे खड़े कर देने वाली खोज का रहस्य

3400 साल पुरानी ममीज़ के साथ मिली 'मृतकों की किताब' जानें रोंगटे खड़े कर देने वाली खोज का रहस्य

Mummified Bodies Unearthed In Egypt: मिस्र के मिन्या में हुई रोंगटे खड़े कर देने वाली एक खोज इन दिनों चर्चा में है, जिसके बारे में जानकर लोग सोच में पड़ गए हैं. दरअसल, ट्यूना एल-गेबेल कब्रिस्तान (Tuna El-Gebel necropolis) के अल-घुरैफा (Al-Ghuraifa ) इलाके में 3400 साल पुरानी ममीज़ (3400 Year Old Mummified Bodies Discovered) मिली हैं. इस दौरान उनकी क्रबों में कई ऐसी बेशकीमती चीजें मिली है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है. बताया जा रहा है कि, इन प्राचीन क्रबों से ‘मृतकों की किताब’ (Book of the dead) मिली है.

कहां हुई है खोज

डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र की राजधानी काहिरा से 220 किलोमीटर साउथ में यह खोज हुई है. यह जगह मिन्या में ट्यूना एल-गेबेल कब्रिस्तान के अल-घुरैफा में है. बताया जा रहा है कि, दफन स्थल न्यू किंगडम युग का है. इस पूरे मामले पर मिस्र के मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म एंड एंटीक्विटीज एंड सुप्रीम काउंसिल ऑफ एंटीक्विटीज (एससीए) का कहना है कि, कब्रिस्तान में चट्टानों को काट कर बनाई गई कई क्रबें और आर्कियोलॉजिकल अवशेष मौजूद हैं. खास बात यह है कि, इन क्रबों में कीमती गहनों और ताबीज के साथ-साथ ‘मृतकों की किताब’ वाला पपायरस (Papyrus) भी मिला है. 

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मृतकों की किताब का रहस्य

आर्कियोलॉजिस्ट्स ने खुलासा किया है कि, अच्छी स्थिति में मिली ‘मृतकों की किताब’ वाला पपायरस (Papyrus) लगभग 50 फीट (15 मीटर) लंबा है. उनको देखकर ऐसा लग रहा है मानो इन्हें कल ही रंगा गया हो. जानकारी के लिए बता दें कि, ‘मृतकों की किताब’ एक प्राचीन मिस्र का अंत्येष्टि पाठ है, जिसे पपायरस (दरअसल, पपायरस एक प्रकार पौधा होता है, जिससे मिस्रवासियों ने कागज बनाया था) पर लिखा जाता है. कई तरह के मंत्रों से लिखे इन पपायरस को ममीकृत शवों के साथ कब्र में रखा जाता था. माना जाता था कि, ऐसा करने से मृतक की परलोक में रक्षा और सहायता होती है. 

देवता जेहुती की बेटी का भी मिला ताबूत

बताया जा रहा है कि, इन कब्रों में महिलाओं के नाम लिखे दो ताबूत मिले हैं, जिनमें से एक कब्र है प्राचीन मिस्त्र के देवता (थोथ के नाम से भी जाना जाता है) जेहुती (Djehuti) की बेटी का, जिन्हें इबिस पक्षी (ibis bird) या फिर बबून (baboon) के रूप में चित्रित किया जाता था. SCA के जनरल सेक्रेटरी मुस्तफा वजीरी के अनुसार, न्यू किंगडम कब्रिस्तान की तलाश करीब 7 सालों से की जा रही है, जो अब जाकर मिला है.



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